भागलपुर में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी क्रम में जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में समीक्षा भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले में सक्रिय सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। साथ ही सहायक निर्वाचन पदाधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे।
बैठक का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए आवश्यक कदमों की रूपरेखा तय करना था। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रशासन पूरी तरह चुनावी तैयारियों को लेकर गंभीर है और मतदाता सूची के अद्यतन से लेकर मतदान की प्रक्रिया तक हर स्तर पर पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी जा रही है।
डीएम ने कहा कि फिलहाल मतदाता सूची के अद्यतन का कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें राजनीतिक दलों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है, ताकि प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सूची में शामिल हो सके और किसी का नाम छूटने या गलत तरीके से हटने की संभावना न रहे। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाएं और मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन की प्रक्रिया में प्रशासन का सहयोग करें।
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक बूथ पर बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) की निगरानी में नामांकन और पहचान सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, विशेष शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें मतदाता अपनी जानकारी अपडेट करा सकेंगे। डीएम ने कहा कि सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को जागरूक करने का अभियान चलाएं ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति मतदान से वंचित न रह जाए।
डीएम ने यह भी कहा कि चुनाव केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि यह हम सभी का साझा उत्तरदायित्व है। जब तक सभी पक्ष — प्रशासन, राजनीतिक दल, मतदाता और समाज — मिलकर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक एक सशक्त लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत नहीं किया जा सकता।
बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव दिए और प्रशासन से अपेक्षा जताई कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रचार-प्रसार हो ताकि जागरूकता का दायरा व्यापक हो सके। इस पर जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि प्रशासनिक स्तर पर हरसंभव उपाय किए जाएंगे — चाहे वह पोस्टर-बैनर हो, जागरूकता रथ या फिर सोशल मीडिया का उपयोग।
अंत में डीएम ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह तैयार है, लेकिन जनभागीदारी के बिना कोई भी व्यवस्था सफल नहीं हो सकती। इसलिए यह समय है कि सभी राजनीतिक दल राजनीति से ऊपर उठकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए कार्य करें और चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी बनाने में सहयोग करें।
इस बैठक को आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा में एक मजबूत पहल माना जा रहा है। इससे न सिर्फ राजनीतिक दलों को प्रशासन के दृष्टिकोण की स्पष्ट जानकारी मिली, बल्कि एक समन्वयात्मक वातावरण की भी नींव रखी गई, जिससे जिले में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराना संभव हो सके।
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