दिल्ली में कोरोना मामलों में गिरावट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर उनसे COVID-19 प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के साथ सुप्रीम कोर्ट में शारीरिक सुनवाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते कोर्ट में अभी तक वर्चुअल सुनवाई ही चल रही थी।

SCBA के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने CJI को लिखे पत्र में कहा कि पिछले दो हफ्तों में देश में महामारी बहुत नियंत्रण में है, शीर्ष अदालत को फिजिकल मोड में खोलने का अनुरोध किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 7 फरवरी से दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और जिम फिर से खोलने का फैसला किया है और कार्यालयों को अब 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में सकारात्मकता दर अब तक घटकर 3.85 प्रतिशत हो गई है।

दिल्ली में 4 फरवरी तक की स्थिति यह कि अस्पतालों में 15,426 COVID बेड में से केवल 1200 बेड बुक है। वहीं, कोविड केयर सेंटर में 4,626 बिस्तरों में से, केवल 138 बिस्तरों पर कब्जा है और COVID स्वास्थ्य केंद्र में 198 बिस्तरों में से केवल 5 बिस्तरों पर कब्जा है। इस स्थिति के मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 7 फरवरी 2022 से दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और जिम को फिर से खोलने का फैसला किया है।

डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि कार्यालयों को अब 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति है और जिम प्रतिबंधों के साथ खुलेंगे। नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल 14 फरवरी से फिर से खुलेंगे।”

वहीं, पत्र में कहा गया है, “जैसा कि नवंबर-दिसंबर 2021 में शारीरिक सुनवाई के पहले चरण में दिखाया गया है, वकील अपने मास्क पहनना जारी रखेंगे और जब तक यह लागू रहेगा, तब तक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।” ओपन कोर्ट में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में परंपरा और संवैधानिक आवश्यकता दोनों है। इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में भौतिक सुनवाई फिर से शुरू की जाए।

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