बिहार सरकार ने राज्य के एक लाख 30 हजार स्कूली शिक्षकों का बड़ा तबादला करते हुए उन्हें नए जिलों में आवंटित कर दिया है। यह तबादला विशेष कारणों से ऑनलाइन आवेदन करने वाले 1 लाख 90 हजार 226 शिक्षकों में से किया गया है। शिक्षा विभाग के अनुसार, चयनित शिक्षकों को उनके द्वारा आवेदन में दिए गए विकल्पों तथा संबंधित जिलों में रिक्तियों के आधार पर स्थानांतरण दिया गया है। अब इन शिक्षकों को 20 जून तक तबादले की चिट्ठी मिल जाएगी और 23 जून से 30 जून तक हर हाल में नव आवंटित विद्यालयों में योगदान देना अनिवार्य होगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को ‘शिक्षा की बात’ कार्यक्रम के 15वें एपिसोड में इस तबादला प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को 15 जून तक इन शिक्षकों को विद्यालय आवंटित करने का निर्देश दिया गया है। जिला आवंटन के साथ ही शिक्षा विभाग ने तबादले की मार्गदर्शिका (गाइडलाइन) भी जारी कर दी है, जिसमें स्थानांतरण की प्रक्रिया, समय सीमा और संबंधित दिशा-निर्देशों का उल्लेख है।

पुराने स्कूल से स्वतः विरमित माने जाएंगे

नए स्कूल में योगदान की तिथि से शिक्षक अपने पुराने स्कूल से स्वतः विरमित माने जाएंगे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य शैक्षणिक व्यवस्था को संतुलित करना और रिक्त पदों पर त्वरित रूप से योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना है। विद्यालयों में पदस्थापन रिक्त सीटों के आधार पर किया गया है ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षण सुविधा मिल सके।

निजी ट्यूशन पर सख्ती

कार्यक्रम के दौरान एक शिक्षक के प्रश्न के उत्तर में डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षक किसी भी स्थिति में निजी ट्यूशन या कोचिंग संस्थान में पढ़ा नहीं सकते। यदि कोई शिक्षक ऐसा करता पाया गया, तो उस पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, स्कूल समय के बाद यदि विद्यार्थी निजी शिक्षक से ट्यूशन लेना चाहें, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन सरकारी शिक्षक स्वयं ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते।

दूसरे चरण में मिलेगा मौका

जिन शिक्षकों का तबादला पहले चरण में नहीं हो पाया है, उन्हें दूसरे चरण में विचार के लिए शामिल किया जाएगा। ऐसे शिक्षक ‘ई-शिक्षाकोष’ पोर्टल पर जाकर अपने पुराने आवेदन को डिलीट कर नए सिरे से विकल्प भर सकते हैं। इसके बाद उनकी जिला आवंटन और विद्यालय पदस्थापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

तबादले की पारदर्शी प्रक्रिया

इस पूरे तबादले को पारदर्शी और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से अंजाम दिया गया है। शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन का विकल्प दिया गया था, जिसमें उन्होंने अपनी पसंद के पंचायत, प्रखंड और जिला को प्राथमिकता के आधार पर भरते हुए तबादले का अनुरोध किया था। इसी आधार पर उनकी नई पदस्थापना सुनिश्चित की गई है।

शिक्षा विभाग की इस पहल से न केवल स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि छात्र-शिक्षक अनुपात भी संतुलित होगा। लंबे समय से तबादले की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों को अब नई जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यक्षेत्र में योगदान देना होगा, जिससे राज्य के शैक्षणिक स्तर को मजबूती मिलेगी।

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