प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में हुए सर्वेक्षण के दौरान राज्य भर में एक करोड़ चार लाख ऐसे परिवारों की पहचान की गई है, जो या तो आवास विहीन हैं या कच्चे मकान में रह रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के प्रत्येक परिवार को पक्के मकान की सुविधा दी जाए। इसी क्रम में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इन चिह्नित परिवारों का तीन स्तरों पर सत्यापन कराने की तैयारी की जा रही है। यह सत्यापन पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर होगा।

ग्रामीण विकास विभाग एक मानक संचालन प्रणाली (SOP) तैयार कर रहा है, जिसके आधार पर सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यह प्रक्रिया इस योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अपनाई जा रही है।

तीन स्तर पर होगी गहन जांच

सत्यापन की प्रक्रिया तीन स्तरों पर होगी – पंचायत, प्रखंड और जिला। पंचायत स्तर पर सर्वप्रथम सभी चिह्नित परिवारों का विस्तृत सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद प्रखंड स्तर पर कुल चिह्नित परिवारों में से 25 प्रतिशत और जिला स्तर पर 10 प्रतिशत परिवारों का पुनः सत्यापन कराया जाएगा। इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

सत्यापन के दौरान परिवारों द्वारा प्रस्तुत किए गए विवरण की गहन जांच की जाएगी। इसमें मुखिया का नाम, आयु, आधार नंबर, वैवाहिक स्थिति, पहले से पक्का मकान होने या न होने की स्थिति सहित अन्य जरूरी जानकारियां शामिल होंगी। यदि किसी परिवार की जानकारी में विसंगति पाई जाती है, तो उसे सूची से बाहर किया जा सकता है।

फाइनल सूची पर ग्राम सभा से अनुमोदन

सत्यापन के उपरांत एक फाइनल सूची तैयार की जाएगी, जिसे ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ग्राम सभा से इस सूची पर अनुमोदन लिया जाएगा। ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद ही अंतिम लाभुक सूची तैयार की जाएगी। इसी सूची में शामिल परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पक्का मकान बनाने के लिए सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

योजना के तहत पात्र लाभुकों को तीन किस्तों में कुल 1.20 लाख रुपये की राशि दी जाती है, जिससे वे पक्का मकान बना सकें। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होती है।

जिलावार आंकड़े: पूर्वी चंपारण सबसे आगे

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक चिह्नित परिवार पूर्वी चंपारण जिले में पाए गए हैं, जहां कुल 5.46 लाख परिवारों की पहचान की गई है। इसके बाद मधुबनी में 5.40 लाख और गया जिले में 5.04 लाख परिवार चिह्नित किए गए हैं। वहीं, सबसे कम संख्या शेखपुरा जिले की है, जहां मात्र 52 हजार परिवारों की पहचान की गई है।

उद्देश्य: हर परिवार को छत

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। 10 जनवरी से 15 मई तक चले इस व्यापक सर्वेक्षण के माध्यम से आवास विहीन या कच्चे मकान में रहने वाले परिवारों की पहचान की गई है। अब अगला चरण इनकी पात्रता की जांच कर उन्हें आवास योजना का लाभ दिलाना है।

यह कदम न केवल सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर सुधारने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।

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