भारत के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। एक ओर जहां कुछ राज्यों में मूसलधार बारिश और तूफान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं दूसरी ओर उत्तर भारत के कई इलाके भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने देश के 16 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश, आंधी-तूफान और हीटवेव को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।
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**बारिश का कहर: पूर्व और दक्षिण भारत में हालात बिगड़े**
सोमवार और मंगलवार को असम, मेघालय, कर्नाटक, केरल, बिहार, गोवा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन राज्यों में तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने और तूफान की भी आशंका है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन इलाकों में जलजमाव, भूस्खलन और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिससे मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
मंगलवार को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और लक्षद्वीप में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। विशेष रूप से केरल और कर्नाटक में पहले से ही कई इलाकों में भारी बारिश से सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं और स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है।
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**तूफान और तेज हवाएं: 16 राज्यों में येलो अलर्ट**
मौसम विभाग ने देश के 16 राज्यों में आंधी, तेज हवाएं और बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं।
इन इलाकों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जिससे पेड़, बिजली के खंभे और कच्चे मकान प्रभावित हो सकते हैं। नागरिकों को सतर्क रहने, गैर जरूरी यात्रा से बचने और बिजली के उपकरणों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
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**उत्तर भारत में हीटवेव का प्रकोप: पारा 45°C के पार**
उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब के कई इलाकों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। लू चलने से जनजीवन प्रभावित है और स्वास्थ्य विभाग ने भीषण गर्मी से बचाव के निर्देश जारी किए हैं।
**राजस्थान**: श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और चूरू जैसे इलाकों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने राज्य के पांच जिलों में लू और 14 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
**उत्तर प्रदेश**: राज्य के कई हिस्सों में तापमान 44 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। अगले तीन से चार दिनों तक लू की स्थिति बने रहने की संभावना है। लोगों को दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
**दिल्ली-एनसीआर**: राजधानी दिल्ली में शनिवार को अचानक आई तेज आंधी और बारिश से कई इलाकों में पेड़ गिर गए और मेट्रो स्टेशनों की टिन शेड तक उड़ गई। हालांकि आने वाले दिनों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन तापमान में गिरावट की संभावना नहीं जताई गई है। दिल्ली में अभी भी 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान बना हुआ है।
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**बिहार और मध्य प्रदेश में भी बदला मौसम का मिजाज**
**बिहार**: यहां के सभी 38 जिलों में मौसम विभाग ने बारिश, तेज हवाओं और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। गया में एक दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य स्थानों पर भी नुकसान की खबरें आ रही हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
**मध्य प्रदेश**: राजधानी भोपाल में हल्की बारिश दर्ज की गई जबकि इंदौर में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं। ग्वालियर में तेज आंधी आई, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। राज्य के 21 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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**मानसून की दस्तक: दक्षिण से हुई शुरुआत**
इस बीच दक्षिण भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत हो चुकी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ने दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में दस्तक दे दी है। अगले तीन से चार दिनों में मानसून के और आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं।
केरल और कर्नाटक में मानसून की पहली बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, लेकिन भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई है।
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**क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक?**
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार का कहना है कि उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में तापमान और बढ़ सकता है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अगले चार से पांच दिनों तक लू की स्थिति बनी रह सकती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में 20 से 22 मई के बीच हल्की बारिश की संभावना है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन हीटवेव का खतरा अभी टला नहीं है।
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**निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी**
भारत में मौसम की यह उथल-पुथल आने वाले दिनों में और भी तीव्र हो सकती है। जहां एक ओर भारी बारिश और तूफान से सतर्क रहने की जरूरत है, वहीं लू और गर्मी से खुद को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन आम नागरिकों को भी मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।
