बिहार में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी) 2025 में सोमवार का दिन मेजबान राज्य के लिए गौरवपूर्ण रहा। पाटलीपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित एथलेटिक्स प्रतियोगिता के अंतर्गत अंडर-18 शॉटपुट (गोला फेंक) इवेंट में बिहार की अल्का सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 14.73 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह बिहार के लिए इन खेलों में अब तक का चौथा स्वर्ण पदक रहा, जिससे राज्य की स्थिति पदक तालिका में 15वें स्थान से सुधरकर 13वें स्थान पर पहुंच गई।
अल्का सिंह का यह प्रदर्शन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राज्य के खेलों के विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत भी है। उनके इस स्वर्ण पदक के साथ बिहार के खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और मनोबल भी ऊंचा हुआ है।
इसके अतिरिक्त, बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भी बिहार के खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया है। पुरुष वर्ग में 85 किलोग्राम भारवर्ग में बिहार के शिवम ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के सुशांत को क्वार्टर फाइनल में पराजित करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस जीत के साथ शिवम ने कम से कम एक कांस्य पदक पक्का कर लिया है। वहीं 90 किलोग्राम (सुपर हैवीवेट) वर्ग में प्रियांशु ने आंध्र प्रदेश के नटराजन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया और एक और पदक सुनिश्चित किया।
पदक तालिका की बात करें तो अब तक महाराष्ट्र शीर्ष स्थान पर कायम है, जिसने 35 स्वर्ण पदकों के साथ अपनी बढ़त बनाई हुई है। कर्नाटक और राजस्थान क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर बने हुए हैं, जबकि हरियाणा चौथे स्थान पर काबिज है। बिहार सोमवार को एक स्वर्ण और दो कांस्य पदकों के साथ कुल प्रदर्शन में सुधार कर 13वें स्थान पर पहुंच गया।
वहीं, केरल ने भी सोमवार को बड़ी छलांग लगाई। पारंपरिक मार्शल आर्ट ‘कलरिपयट्टू’ में तीन स्वर्ण पदक जीतकर केरल ने रविवार को 11वें स्थान से छलांग लगाकर छठे स्थान पर कब्जा कर लिया। अब उसके पास कुल 8 स्वर्ण पदक हैं, जो पांचवें स्थान पर मौजूद मध्य प्रदेश से केवल एक कम है।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में खिलाड़ियों का उत्साह, समर्पण और प्रदर्शन यह दर्शाता है कि भारत के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। विशेषकर बिहार जैसे राज्यों से उभरते खिलाड़ियों की सफलता यह साबित करती है कि सही अवसर और संसाधनों के साथ हर राज्य खेल जगत में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है।