भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 2 मई को इस आशय की अधिसूचना जारी की, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह प्रतिबंध किसी भी व्यापार मार्ग, चाहे वह सीधा हो या किसी तीसरे देश के माध्यम से, सभी प्रकार के पाकिस्तानी वस्तुओं के प्रवेश पर लागू होगा।
इस प्रतिबंध के अंतर्गत अब पाकिस्तान से आयात या पारगमन के किसी भी रूप की अनुमति नहीं होगी, चाहे वह वस्तुएं स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या सरकार द्वारा स्वीकृत हों। विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत कहा गया है कि पाकिस्तान से आयात या निर्यात किए जाने वाले सभी प्रकार के सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आयात या पारगमन अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। किसी अपवाद की स्थिति में भारत सरकार से विशेष अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
पिछले वर्ष अप्रैल से इस वर्ष जनवरी तक भारत ने पाकिस्तान को 44.76 करोड़ डॉलर मूल्य का निर्यात किया था, जबकि पाकिस्तान से भारत का आयात मात्र 4.2 लाख डॉलर रहा। इससे स्पष्ट है कि द्विपक्षीय व्यापार में भारत की निर्भरता पाकिस्तान पर नगण्य रही है, जिससे इस प्रतिबंध का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा।
भारत सरकार ने डाक एवं पार्सल सेवाओं पर भी सख्ती दिखाई है। अब हवाई और जमीनी मार्गों से पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के डाक और पार्सल का आदान-प्रदान प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही, पाकिस्तान के ध्वज वाले किसी भी पोत को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के विरुद्ध भारत का सख्त रुख है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यह दोहराया कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह बात भारत दौरे पर आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लॉरेन्को के साथ संयुक्त संवाद में कही।
भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देता है कि वह अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा। इस निर्णय से न केवल पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर स्पष्ट संकेत मिला है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति की भी पुष्टि करता है।