दक्षिण कश्मीर के शांत पहलगाम इलाके में हुए कायराना आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जो न सिर्फ मानवता पर हमला था, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती भी बनकर सामने आया। इस घटना के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का एलान कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज कर दिए गए हैं, वहीं नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
भारतीय सेना ने LOC के सभी सेक्टरों में चौकसी बढ़ा दी है। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन, सर्विलांस सिस्टम और आधुनिक हथियारों से लैस जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है। आतंकियों के ठिकानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। भारत की इस सख्त कार्रवाई से पाकिस्तान में घबराहट साफ देखी जा सकती है।
**पाकिस्तान की तैयारी या घबराहट?**
भारत की सख्त प्रतिक्रियाओं के बीच पाकिस्तान ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। खबरों के अनुसार, पाकिस्तान ने दो बड़े युद्धाभ्यास शुरू किए हैं। पहला, “ललकार-ए-मोमिन” नामक सैन्य अभ्यास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चलाया जा रहा है, जबकि दूसरा अभ्यास “फिजा-ए-बदर” पंजाब प्रांत में किया जा रहा है। इन युद्धाभ्यासों में पाकिस्तान की वायुसेना के J-10, F-16 और JF-17 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान शामिल हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान या तो युद्ध की तैयारी कर रहा है या फिर भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से घबराया हुआ है।
**LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ी गतिविधियां**
भारत के खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कई सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। सियालकोट सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने अपने रडार सिस्टम को अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया है, जिससे किसी भी भारतीय हवाई कार्रवाई का तुरंत पता लगाया जा सके। वहीं, फिरोजपुर सेक्टर में भी सैनिकों की संख्या में इजाफा किया गया है।
इन सभी गतिविधियों से पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। क्या वह वाकई अपनी रक्षा को मजबूत कर रहा है या फिर कोई आक्रामक कदम की योजना बना रहा है?
**58 किलोमीटर दूर आधुनिक रडार की तैनाती**
भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 58 किलोमीटर की दूरी पर चोर छावनी में पाकिस्तान ने TPS-77 मल्टी-रोल रडार (MRR) की तैनाती की है। यह रडार सिस्टम दुनिया भर में हवाई निगरानी के लिए जाना जाता है और इसकी मदद से दुश्मन के हवाई हमलों का पता लगाया जा सकता है। यह कदम पाकिस्तान की भारत पर पैनी नजर रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
**परमाणु धमकी से और बढ़ा तनाव**
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ का बयान और भी चिंता बढ़ाने वाला है। उन्होंने रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और यदि उनके अस्तित्व को खतरा हुआ, तो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी पीछे नहीं हटेगा। यह बयान क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है।
**भारत की नीति: आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस**
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि उसकी आतंकवाद के खिलाफ नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है। पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से जो सख्त रुख अपनाया गया है, वह इसी नीति का हिस्सा है। भारतीय सेना को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर सीमापार कार्रवाई से भी गुरेज न किया जाए।
**निष्कर्ष**
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव ने पूरे दक्षिण एशिया को चिंतित कर दिया है। पहलगाम हमले के बाद जो स्थिति बनी है, उसमें भारत की सख्ती और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया दोनों यह दर्शाते हैं कि हालात बेहद संवेदनशील हैं। अब देखना होगा कि यह टकराव कूटनीतिक मोड़ लेता है या फिर हालात और बिगड़ते हैं।
