आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट समेत कई चर्चित पेपर लीक मामलों के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को गिरफ्तार कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। ईओयू के विशेष अभियान दल ने गुरुवार देर रात पटना के दानापुर क्षेत्र स्थित सगुना मोड़ के पास एक अपार्टमेंट में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया। वह बीते कई महीनों से फरार चल रहा था और 5 मई 2024 को हुए नीट पेपर लीक के बाद से ही उसकी तलाश तेज कर दी गई थी।
संजीव मुखिया की गिरफ्तारी को लेकर ईओयू ने कई स्तरों पर प्रयास तेज कर रखे थे। इसी क्रम में गृह विभाग ने 7 अप्रैल 2025 को उसके बारे में सूचना देने वाले के लिए तीन लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। साथ ही, पुलिस ने उसकी संपत्ति की कुर्की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। गुरुवार को मिले पुख्ता इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया।
ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि संजीव मुखिया के दानापुर स्थित एक अपार्टमेंट में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना के सत्यापन के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने दानापुर थानाध्यक्ष को आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद की गई छापेमारी में संजीव मुखिया को दबोच लिया गया।
संजीव मुखिया वर्तमान में ईओयू थाना कांड संख्या – 27/2024, 16/2023 एवं 06/2024 के तहत वांछित है। इससे पहले भी वह ईओयू थाना कांड संख्या – 12/2012 और 30/2013 जैसे गंभीर मामलों में आरोपी रह चुका है। इन सभी कांडों का सीधा संबंध विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक से है, जिनमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लगा था।
गिरफ्तारी के बाद अब संजीव मुखिया से गहन पूछताछ की जा रही है। ईओयू को उम्मीद है कि उससे पूछताछ के बाद पेपर लीक गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क का भी पर्दाफाश हो सकेगा। संजीव मुखिया की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े अपराधों पर अब कानून का शिकंजा कसता जा रहा है।
ईओयू की यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि उन अभ्यर्थियों के लिए भी एक आशा की किरण है, जो मेहनत से परीक्षा की तैयारी करते हैं और किसी कदाचार के शिकार नहीं होना चाहते। अब निगाहें इस बात पर हैं कि आगे इस गिरोह के अन्य सदस्यों पर कब कार्रवाई होती है और पेपर लीक जैसे अपराधों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सकेगा।