बिहार के सहरसा जिले में पारिवारिक जमीनी विवाद ने एक भयावह और दर्दनाक रूप ले लिया, जब एक युवक ने अपनी लगभग 80 वर्षीय बुजुर्ग चाची को गोली मार दी। यह सनसनीखेज घटना सहरसा जिले के सौरबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत सुहथ गांव वार्ड संख्या 09 में शनिवार को घटित हुई। घायल महिला की पहचान लाना देवी के रूप में हुई है, जिन्हें गोली लगने के बाद गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया।

परिजनों के अनुसार, लाना देवी अपने हिस्से की जमीन पर नाती-नातिन के साथ रह रही थीं। उनके पति की मृत्यु के बाद से ही वे अपनी बेटी के बच्चों के साथ जीवन यापन कर रही थीं। दुर्भाग्यवश, उनकी एकमात्र संतान—एक पुत्री—का देहांत पहले ही हो चुका है। वहीं दूसरी ओर, उनके देवरों के बेटे इस जमीन पर अपना अधिकार जताते आ रहे थे, जिससे यह पारिवारिक विवाद वर्षों से चल रहा था। शनिवार को यह विवाद अचानक हिंसक हो गया और हथियारों का प्रयोग कर दिया गया।

चश्मदीदों के अनुसार, लाना देवी पर हमले के समय आरोपी युवक ने बेहद नजदीक से उनकी कमर में गोली मारी और तुरंत मौके से फरार हो गया। इस घटना में सिर्फ एक युवक ही नहीं, बल्कि लाना देवी के देवर के चार बेटे भी शामिल बताए जा रहे हैं। यह हमला पहले से सुनियोजित प्रतीत हो रहा है, क्योंकि हमला एकाएक नहीं बल्कि पूर्व नियोजित तरीके से किया गया।

घायल लाना देवी को पहले सौरबाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत सहरसा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। वर्तमान में उनका इलाज सहरसा सदर अस्पताल में जारी है, जहां डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है।

इस दिल दहला देने वाली घटना की जानकारी मिलते ही सहरसा सदर एसडीपीओ आलोक कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आपसी जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, जिसमें बुजुर्ग महिला को जान से मारने की नीयत से गोली मारी गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी है।

एसडीपीओ ने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस की विशेष टीम गठित कर दी गई है, जो तकनीकी और स्थानीय स्तर पर आरोपियों का सुराग जुटा रही है। गांव में इस घटना को लेकर भारी दहशत का माहौल बना हुआ है। लोग भयभीत हैं और बुजुर्ग महिला पर हुए हमले की निंदा कर रहे हैं।

गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई तथा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से यह विवाद चल रहा था और कई बार स्थानीय स्तर पर समझौता कराने की कोशिशें भी हुईं, लेकिन आरोपियों की नीयत कभी साफ नहीं थी। लाना देवी पर जानलेवा हमला कर उन्होंने अपनी नीयत को जाहिर कर दिया है।

यह घटना केवल एक पारिवारिक झगड़े की नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और कानून के डर की कमी को दर्शाती है। जहां एक ओर एक बुजुर्ग महिला अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर शांति से जीवन बिताना चाहती थी, वहीं दूसरी ओर उसके ही परिजन उसकी जमीन हड़पने के लिए उस पर जानलेवा हमला करने से भी नहीं चूके।

अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और आरोपी कब तक कानून की पकड़ में आते हैं। फिलहाल पूरे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है, और प्रशासन हर संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए निगरानी बनाए हुए है।

यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है—क्या हमारी संवेदनाएं इतनी खत्म हो चुकी हैं कि जमीन के एक टुकड़े के लिए रिश्तों का खून करने में भी संकोच नहीं रहा?

By Indradev Kumar

Patrakar

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