राज्य की जीविका दीदियों को अब सरकार की सभी सहकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए बिहार विधानमंडल और कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद बिहार सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन लागू कर दिया गया है। इसके बाद अब राज्य स्तर पर एपेक्स बॉडी गठित होगी। इनका निबंधन सहकारी समिति अधिनियम 1935 के तहत होगा। जीविका दीदियों का काम भी सहकारी क्षेत्र के दायरे में आ जाएगा।
महिला समूह के विकास की दिशा में राज्य सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है। राज्य में जीविका दीदियों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ 35 लाख के करीब पहुंच गई हैं। करीब 10 लाख 60 हजार स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। शहरी क्षेत्रों में भी इनकी संख्या 36 हजार पहुंच गई है। वर्तमान में जीविका दीदियों के समूह का निबंधन 1996 अधिनियम के तहत स्वयं सहायता समूह के रूप में होता है। पंचायत और प्रखंड स्तर पर इनका गठन होता है। इन्हें बैंक से कर्ज लेकर सारा काम खुद ही करना होता है। वित्तीय प्रबंधन समूह के सदस्य ही करते हैं।
स्वयं सहायता समूह होने के चलते वर्तमान में राज्य सरकार इनमें शेयर नहीं खरीद सकती थीं। 1996 अधिनियम के तहत गठित समिति के चलते सरकार का सीधे कोई नियंत्रण नहीं रहता था। इन्हें वित्तीय लाभ मिलने में यह सबसे बड़ा रोड़ा था। इसी के समाधान के लिए सहकारिता एक्ट 1935 अधिनियम में संशोधन किया गया है। कैबिनेट के बाद बजट सत्र में ही विधानमंडल ने भी संशोधन पारित कर दिया है। संशोधन के बाद सहकारिता अधिनियम 1935 के तहत इसका निबंधन हो सकेगा। राज्यस्तर पर एपेक्स बॉडी का गठन करने की कार्यवाही अब शुरू कर दी गई है।
बढ़ रहा है जीविका का दायरा
जीविका समूह के कार्यों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में अस्पतालों में दीदी की रसोई, सरकारी कार्यालयों में कैंटीन, मछली पालन, डेयरी, बीमा से लेकर कई क्षेत्रों में जीविका समूह बेहतर कार्य कर रही हैं। समाज सुधार के लिए कई जागरूकता कार्यक्रमों जैसे शराबबंदी, स्वच्छ भारत मिशन, दहेज उन्मूलन आदि में जीविका दीदियों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। सरकार इन्हें सहयोग देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना चाहती है। इन सबको देखते 1935 एक्ट के तहत एपेक्स बॉडी का गठन महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
त्रिस्तरीय ढांचा खड़ा होगा
राज्य स्तर पर एपेक्स बॉडी गठित होने के बाद जीविका दीदियों के समूह का त्रिस्तरीय ढांचा खड़ा हो जाएगा। पंचायत, प्रखंड के बाद राज्यस्तर पर भी इसकी कमेटी होगी। राज्य स्तरीय कमेटी के जरिए ही प्रदेश सरकार इसमें शेयर खरीदेगी। उसके बाद अन्य सहकारी समितियों की तरह ही जीविका दीदियों के समूह को भी सहकारी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा।