बिहार में 21 सितंबर के बाद से अब तक रक्त संग्रह इकाइयों की संख्या छह से बढ़कर 64 हो गयी है। इस बढ़ोतरी का फायदा अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और अनुमंडलीय अस्पतालों में मरीजों को मिलना शुरू हो गया है।

आने वाले दिनों में अन्य जगहों पर भी रक्त संग्रह इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। इन इकाइयों से मरीजों को संकट के समय रक्त उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही जरूरत के हिसाब से जिला अस्पतालों में भी इन इकाइयों से रक्त आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भी मरीजों को आसानी से रक्त उपलब्ध होगा। सरकारी और गैर सरकारी 126 ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्धता का प्रयास हो रहा है।

जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क किया जा सकता है। संपर्क करने पर उन्हें तत्काल रक्त उपलब्ध कराया जाएगा। ई-रक्त कोष मोबाइल एप से भी रक्त की उपलब्धता की जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि ब्लड डोनेशन कैंप से रक्त संग्रहित कर उन्हें ब्लड बैंकों तक पहुंचाने के लिए सात ब्लड ट्रांसफ्यूज्न वेन भी कार्य कर रहे हैं। सुरक्षित रक्तदान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पटना के आईजीआईएमएस, गया स्थित एएनएमसीएच समेत पांच स्थानों पर मोबाइल ऐच्छिक रक्त दान बस भी कार्य कर रही हैं।

वहीं, 48 स्थानों में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन मशीन लगाई गई हैं, जहां से मरीजों को विभिन्न प्रकार के रक्त उत्पाद की आपूर्ति की जा रही है। जरूरतमंदों को आसानी से रक्त उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है।

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