बिहार में संचालित 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात करीब 2.15 लाख आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी होगी। राज्य सरकार जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेगी।
समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा निर्णय के बाद सेविका एवं सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाएगी। 10 फीसदी मानदेय वृद्धि की उम्मीद है।
वर्तमान में आंगनबाड़ी सेविका को 6500 रुपये व सहायिका को 5900 रुपये मानदेय के रुप में भुगतान किया जाता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को पोषणयुक्त खाद्यन्न उपलब्ध कराने के साथ ही कई प्रकार की सेवाएं सेविका एवं सहायिका प्रदान करती हैं।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में मिनी आंगनबाड़ी केंद्र भी बनाए गए हैं, जहां सेविका की तैनाती की गयी है।
एक माह से आंदोलनरत हैं सेविका एवं सहायिका
आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका चार प्रमुख संगठनों के बैनर तले 29 सितंबर से लगातार आंदोलनरत हैं।
इन संगठनों में बिहार राज्य संयुक्त संघर्ष समिति, बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, बिहार प्रदेश आंगनबाड़ी संघ (इंटक) एवं बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन शामिल है।
जिलास्तर पर और राज्यस्तर पर इन संघों के माध्यम से मानदेय में वृद्धि, श्रम कानूनों को लागू करने सहित अन्य मांगों को सरकार के समक्ष रखा गया है।
विभागीय स्तर पर अधिकारियों के साथ संघ शिष्टमंडलों के साथ बाचतीत भी हुई है।
बिहार प्रदेश आंगनबाड़ी संघ (इंटक) के उप महा संरक्षक अखिलेश पांडेय के अनुसार राज्य की महागठबंधन सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उनके प्रति सकारात्मक रुख अपनाने का भरोसा दिया है।
आंगनबाड़ी केंद्र के प्रमुख कार्य
आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से 6 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध किया जाता है।
इसके अलावा वे 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए पूरक पोषण के वितरण के साथ-साथ गर्भवती और नर्सिंग महिलाओं की निगरानी भी की जाती है।
महिलाओं और बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य और चिकित्सा जांच की निगरानी उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है।