अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव में इन दिनों हर्बल टी गार्डन चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग जमकर इसका तारीफ कर रहे हैं. इस हर्बल टी गार्डन को मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता ने सजाया है. इस राजगीर महोत्सव में लोग हर्बल चाय की चुस्की के साथ- साथ इनके देशभक्ति गीतों पर डांस को खूब एंजॉय भी कर रहे हैं. वहीं, लोग उन्हें वहां पगला बाबा के नाम से जानने लगे हैं.

राजगीर महोत्सव में हर्बल टी गार्डन है खास
नालंदा में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव चल रहा है. इस बार ये महोत्सव हर्बल टी गार्डन के वजह से काफी खास हो गया है. ये स्टाल खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इस स्टॉल को राजगीर महोत्सव में ग्राम श्री मेला के समीप लगाया गया है. नवादा के मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता ने इस हर्बल टी गार्डन को कबाड़ के वस्तुओं से सजाया गया है. साथ ही यहां पर पर्यावरण संरक्षण, कचड़ा प्रबंधन, देश और जनहित के संदेश लिखे गए हैं.

पगला बाबा मुझे इसलिए लोग बुलाते हैं’
इस हर्बल टी गार्डन में चाय पीने आने वाले लोगों के बीच मिथिलेश कुमार ऐसी हरकत करते हैं, जिससे लोग हंसते- हंसते लोटपोट हो जा रहे हैं. इनकी इस हरकत से बच्चे और महिलाएं खूब एन्जॉय कर रहे हैं. ये स्टॉल पांच दिसंबर तक यहां लगाया जाएगा. वहीं, इस हर्बल टी गार्डन के संचालक मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता ने बताया कि इस तरह से राजगीर महोत्सव में पहली बार स्टॉल लगाया हूं, जो काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पगला बाबा इसलिए मुझे नाम दिया गया क्योंकि मेरे माता-पिता मुझे पागला कहा करते थे. इसलिए ऐसे रोजगार को देखकर लोग भी पगला बुलाने लगे. मैं पागल नहीं था फिर भी मेरे परिवार वालों ने रांची में मेरा तीन बार इलाज करवाया.

नवादा के रहने वाले हैं मिथिलेश 
मिथिलेश ने बताया कि उसे पूजा पाठ में भी काफी दिलचस्पी है. भगवान के आशीर्वाद से ही आगे बढ़ रहा हूं. नवादा मेरा जन्म भूमि है लेकिन आने वाला समय में मेरा कर्म भूमि राजगीर रहेगा क्योंकि राजगीर के लोग मुझे बहुत प्यार दिए हैं. वहीं, इस स्टॉल में 31 प्रकार के चाय बनाया जाता है. सभी हर्बल से बनाए जाते हैं. आगे उन्होंने बताया कि जब टी स्टॉल पर आते हैं तो फटा कपड़ा, गले में माला, और सिर पर पगड़ी रखते हैं. मेले में आए सैकड़ों लोगों ने हर्बल गार्डन टी का स्वाद चखा है. हर्बल टी गार्डन में भारत माता की मूर्ति के अलावे बच्चों के लिए झूला, जमीन पर पीढ़ा, चौकी और ग्लास में चाय का शो में बनाया गया है.

चाय में जड़ी बूटियों का करते हैं इस्तेमाल 
हर्बल टी गार्डन के संचालक ने बताया कि यहां अलग- अलग तरह के चाय का नाम भी अलग- अलग रखा गया है. इसमें हरा- भरा चाय, तंदूरी चाय, मसाला चाय, लौंग चाय, छुहारा चाय इस तरह से अनेक नाम हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि इस तरह के चाय में चीनी कम, शहद, टाल मिश्री और गुड़ का अधिक प्रयोग करते हैं. चाय पत्ती के साथ केसर इत्यादि जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल करते हैं.

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