भागलपुर के किसान की खेत में एक अद्भुत गोभी फला है। लोग इसे ईश्‍वरीय चमत्‍कार मान रहे हैं। गोभी की आकृति नाग के रूप में है। इसकी पूजा की जा रही है। हालांकि कुछ लोग इसे रसायनिक क्रियाशीलता का कुप्रभाव मान रहे हैं।

भागलपुर। कभी-कभी प्राकृतिक नजारे और रसायनिक क्रियाशीलता तथा जैविक असमानता के बीच कोई फल, सब्‍जी या पौधे ऐसा अद्भुत रूप ले लेता है, जिससे लोग यह भ्रम पाल लेते हैं कि कहीं यह दैविक चमत्‍कार तो नहीं। हालांकि यह उनका भ्रम है… जी हां! कुछ ऐसा ही नजारा भागलपुर जिले के घोघा इलाके में देखने को मिला।

भागलपुर में फला अद्भुत गोभी

हम बात कर रहे हैं घोघा के एक किसान के खेत में फले एक गोभी की। छोटी ओलपुरा निवासी प्रेम यादव ने अपने खेत में गोभी लगाया। खेत में पांच सौ से ज्‍यादा गोभी के पौधे लगाए गए। सभी ने गोभी फल लग गया है। इसी में एक ऐसा भी पौधा है जिसमें अद्भुत आकृति का गोभी फला है। यह गोभी करीब तीन फुट लंबी है। सर्पाकार की आकृति है। गोभी का उफरी भाग अर्थात मुंह भी सांप के तरह है। प्रेम यादव ने जैसे ही इस प्रकार उत्‍पन्‍न गोभी को देखा तो इसकी सूचना उन्‍होंने लोगों को दी। कृषि विज्ञानी तक बात पहुंची।

सर्पाकार आकृति में फला है गोभी

सर्पाकार आकृति का गोभी देखने के लिए काफी संख्‍या में लोग वहां जुट गए। गांव के ही कुछ लोगों ने कहा अरे यह तो गजब हो गया। यह तो साक्षत नाग देवता है। नाग देवता यहां प्रकट हुए हैं। नाग ने ही गोभी का रूप धरा है। फ‍िर क्‍या था लोगों ने इस गोभी की पूजा अर्चना शुरू कर दी। देखते ही देखते काफी संख्‍या में लोग खेत में जुट गए। गोभी को चंदन लगाया जाना है। जल चढ़ाया जाना लगे। रुपये का चढ़ावा शुरू हो गया। बात धीरे-धीरे इतनी दूर फैल गई कि दूसरे गांवों से भी लोग यहां जुटने लगे।

रासायनिक दुष्प्रभाव

हालांकि कुछ लोगों ने कहा कि सही रूप से रसायनिक क्रिया नहीं होने के कारण इस रूप में गोभी उत्‍पन्‍न हुआ है़। यह कोई चमत्‍कार नहीं है और न ही इस गोभी कोई प्रकट हुए हैं। रसायनिक दुष्‍प्रभाव के कारण ही इस प्रकार का गोभी उत्‍पन्‍न हुआ है। लेकिन कुछ लोग ने गोभी में नाग देवता मानकर उसकी पूजा करने में जुटे हैं।

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