कहलगांव एसडीपीओ रहते हुए पिछले वर्ष महिला डीएसपी ने अपने सरकारी मोबाइल के वाट्सएप और इंटरनेट के अन्य माध्यमों से पति के आईपीएस की वर्दी में खुद के साथ फोटो व वीडियो को शेयर किया था।

पति को आईपीएस की वर्दी पहनाकर तस्वीर वायरल करना कहलगांव की तत्कालीन महिला एसडीपीओ रेशु कृष्णा को महंगा पड़ गया। प्रारंभिक तौर पर उन्हें दोषी पाया गया है। गृह विभाग ने इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। 

शाहाबाद के डीआईजी क्षत्रनील सिंह को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। महिला डीएसपी को दस कार्य दिवस के भीतर डीआईजी के निर्देश पर उनके कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। रेशु कृष्णा वर्तमान में सासाराम में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की महिला बटालियन में डीएसपी हैं।

गृह विभाग के संकल्प के अनुसार रेशु कृष्णा के पति सौरभ कुमार न तो आईपीएस हैं और न ही पुलिसकर्मी। कहलगांव एसडीपीओ रहते हुए पिछले वर्ष महिला डीएसपी ने अपने सरकारी मोबाइल के वाट्सएप और इंटरनेट के अन्य माध्यमों से पति के आईपीएस की वर्दी में खुद के साथ फोटो व वीडियो को शेयर किया था। 

जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने बटेश्वरनाथ मंदिर में भी अपने पति के साथ ऐसी तस्वीरें बनाई, जिसमें पति पुलिस की वर्दी में दिख रहे हैं। सरकार ने इसे रेशु कृष्णा के मनमानेपन और पति को वर्दी पहनने की मौन स्वीकृति देना माना है। साथ ही इसे समाज में भ्रम फैलाने का परिचायक मानते हुए पुलिस पदाधिकारी के आचरण के प्रतिकूल बताया गया है। महिला डीएसपी पर लगे आरोपों की वृहद जांच के लिए अब विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया है।

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