नवगछिया:गोपालपुर प्रखंड के गंगा तट पर बसे सैदपुर गांव स्थित करोड़ी मां दुर्गा मंदिर की अपने नवनिर्मित भवन की भव्यता को लेकर आसपास सहित दूरदराज के कई इलाकों में चर्चा होती है। मन्दिर अध्यक्ष महेश कुंवर बताते हैं कि इस के स्तंभ और गुंबद पर किए गए दक्षिण भारतीय शैली में नक्काशी का कार्य श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है। इसकी आंतरिक साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया गया है। मेला गर्भगृह की आंतरिक साज-सज्जा बनारस दिल्ली और बंगाल के कई क्षेत्र के माहिर कारीगरों द्वारा किया गया है। गर्भगृह से बाहर मंदिर परिसर को राजस्थान के कारीगरों द्वारा सजाया गया है। शारदीय नवरात्र महोत्सव पर बंगाल के मूर्तिकारों द्वारा माता की भव्य प्रतिमा बनाई जाती है।

सैदपुर दुर्गा मंदिर के पूर्वी दहलीज को कोसी के जल का और पश्चिमी छोर को मां गंगा के जल का सानिध्य प्राप्त है। गंगा और कोसी क्षेत्र के बीच स्थित इस मंदिर का इतिहास अति प्राचीन तो नहीं लेकिन समस्त क्षेत्रवासी के हृदय पर राज करता है यह माता का भव्य दरबार।

60 वर्षों से की जा रही है मां दुर्गा की आराधना

इस मंदिर की स्थापना सन 1962 में हुई थी। मनोकामना पूर्ण होने पर गोपालपुर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष बृजभूषण पांडे ने इस मंदिर की स्थापना की गई थी। उस समय से आज तक निरंतर इस मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही है। सन 2011 में ग्रामीणों की उपस्थिति में वर्तमान मंदिर अध्यक्ष महेश कुंवर के नेतृत्व में मंदिर निर्माण समिति का गठन किया गया। 5 मार्च 2012 दिन सोमवार को इस दरबार का शिलान्यास संत आगमानंद महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया। महज चंद वर्षों में अध्यक्ष महेश कुमार प्रयास से माता का दरबार बन रहा है।

इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्र के अवसर पर कलश स्थापना प्रतिमा स्थापना के साथ मेले का आयोजन वर्तमान पूजा समिति के अध्यक्ष रजनीश कुमार के दादाजी स्व. गीता प्रसाद सिंह द्वारा शुरू किया गया था। इस अवसर पर आसपास के कई जिलों से श्रद्धालु अपने श्रद्धा सुमन को अर्पित करने के लिए इस दरबार में आते हैं।

श्रद्धालु अपनी हर छोटी बड़ी समस्या को लेकर माता के दरबार में अपनी फरियाद लेकर आते हैं और अपनी समस्या से निजात पाकर खुशी खुशी अपने घर को लौटते हैं।

कलश पूजन महाआरती के साथ होता है जागरण :

सैदपुर दुर्गा मन्दिर मे 26 सितंबर से दिनांक 3 अक्टूबर तक संगीतमय रामकथा पंडित शंभूनाथ शास्त्री के मुखारविंद से होगा। वहीं दो अक्टूबर की रात्रि में निशा बलि के बाद माता के दरबार में महाआरती का आयोजन है। 3 अक्टूबर 2022 को संध्या 8:00 बजे से माता के दरबार में भव्य जागरण होगा।

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