जलस्तर स्थिर रहने के बावजूद बाढ़ की स्थिति गंभीर जिले के सौ से अधिक गांव

नवगछिया अनुमंडल में शनिवार की देर रात ब्रह्मोत्तर बांध टूटने से बाढ़ का पानी गोपालपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों में पानी तेजी से फैल रहा है। गंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बावजूद जिले में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। लोग गांवों से निकलकर सुरक्षित स्थानों को जा रहे हैं। जिले में सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं।

तटबंध टुटने से फैल रहा पानी

जिला प्रशासन के अनुसार गंगा का जलस्तर स्थिर है। इसके बावजूद अभी भी सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शनिवार की देर रात ब्रह्मोत्तर बांध अचानक टूटने के बाद अफरातफरी मच गयी। बताया जा रहा है कि कई गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। 14 नम्बर सड़क पर पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। नवगछिया एसडीओ उत्तम कुमार ने बताया कि जलस्तर स्थिर रहने के चलते अधिक खतरा नहीं है। अभी पानी बहियार में फैल रहा है। पुलिया आदि को बंद कर प्रयास किया जा रहा है कि गांवों में पानी कम फैले। कटाव निरोधी कार्य भी किया जा रहा है।

एनएच-80 पर संकट बरकरार

एनएच-80 पर अब भी संकट बरकरार है। रविवार को भी बालू भरा बोरा रखकर पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा था। एनएच-80 पर दोनों तरफ से पानी का दबाव बना हुआ है। कम संख्या में गाड़ियों का आवागमन हो रहा है। इसके अलावा सड़कों पर बाढ़ का पानी बहने से कई गांवों में आवागमन बाधित हो गया है। कई गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। सबौर की शंकरपुर, रजंदीपुर, फरका, ममलखा, रजलपुर और परघड़ी पंचायत के गांवों की सड़कों पर पानी बह रहा है। नाव से लोग घर से बाहर निकल पाते हैं। बाढ़ से सबसे अधिक नाथनगर, सबौर, पीरपैंती, कहलगांव और सुल्तानगंज प्रखंड प्रभावित हैं।

खाली कर रहे छात्रावास

बाढ़ का पानी रविवार को नये क्षेत्र में लगातार फैलता जा रहा है। शहरी क्षेत्र के अलावा अन्य ऊंची जगहों पर लोग शरण लिये हुए हैं। बाढ़ का असर शिक्षण संस्थानों में भी देखा जा रहा है। टीएमबीयू परिसर में पानी भर गया है। इंजीनियरिंग कॉलेज में पानी भरने से रविवार को छात्रों ने छात्रावास को खाली कर दिया। इंजीनियरिंग कॉलेज और ट्रिपल आईटी में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गयी है। टीएमबीयू के महिला छात्रावासों को खाली करा दिया गया है। तीन दर्जन से अधिक स्कूलों और 150 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पानी घुस गया है।

राहत नहीं मिलने से आक्रोश

दर्जनों गांवों के लोग शहरी क्षेत्र के सीटीएस मैदान, टीएमबीयू परिसर, हवाई अड्डा सहित अन्य जगहों पर शरण लिये हुए हैं। प्रशासन द्वारा केवल स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालय आदि की सुविधाएं ही उपलब्ध करायी गयी हैं। भोजन और नाश्ता के अलावा मवेशियों के लिए चारा नहीं मिलने से बाढ़ प्रभावितों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि राहत शिविरों में एक सप्ताह से रहने के बावजूद भोजन की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है। बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से भी लोग दुखी हैं। भागलपुर सदर एसडीओ धनंजय कुमार ने बताया कि सोमवार से टिल्ला कोठी और चर्च मैदान में राहत शिविर शुरू कर दिया जाएगा। भोजन आदि की व्यवस्था होगी। आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को पोषाहार मिलेगा।

तटबंधों की निगरानी करें अधिकारी

जिला आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि तटबंधों की विशेष निगरानी करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को हर सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। गंगा का जलस्तर स्थिर है। इसके बावजूद पानी नये क्षेत्रों में फैल रहा है। प्रभावित लोगों के आवागमन के लिए 50 से अधिक नावों की व्यवस्था की गयी है। प्रभावित लोगों के बीच पोलिथिन का वितरण किया जा रहा है।

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