सुबह सरकारी पूजा के बाद पूरे दिन पूजा स्थलों पर डलिया चढ़ाने के लिए उमड़ी भीड़

अंग जनपद का प्रसिद्ध लोक पर्व मां मनसा विषहरी पूजा बुधवार को शहर में धूमधाम से शुरू हुई। सुबह सरकारी पूजा के बाद पूरे दिन पूजा स्थलों पर डलिया चढ़ाने के लिए महिलाओं की भीड़ रही। रात आठ बजे के बाद विभिन्न पूजा स्थल से गाजे-बाजे के साथ बाला लखेन्द्र की बारात निकली। परंपरा, आस्था और अंग प्रदेश के इतिहास से जुड़े बिहुला विषहरी की नाट्य प्रस्तुति  झांकी देखने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। शहर के हर क्षेत्र में बिहुला विषहरी के गीत गूंजते रहे। बुधवार की सुबह से दोपहर तक पूजा स्थलों पर मां बिहुला-विषहरी को डलिया चढ़ाने के लिए महिलाओं की भीड़ रही तो शाम में फुलहरिया के लिए जाने वाले भगत के साथ लोगों की भीड़ रही। धूमधाम से निकली बाला लखेन्द्र की बारात में समधी मिलन, गालशेदी की रस्म के बाद बाला लखेन्द्र और उजानी की राजकुमारी बिहुला की शादी करायी गई। इसके बाद बाला दंश का रस्म हुआ। इन तमाम रस्म को देखने के लिए विषहरी स्थानों में महिलाओं एवं बच्चों की भीड़ देर रात तक लगी रही। बिहुला का सती बनना, बैंड-बाजा, झार-किला, सजावटी लाइट, नाचते-गाते बाराती और उसे देखने के लिए सड़क किनारे खड़ी महिलाओं की भीड़।

नवगछिया के बिहुला चौक के पास मनसा विषहरी मंदिर में बुधवार को सुबह सरकारी पूजा के बाद श्रद्धालुओं के लिये पट खोल दिया गया उसके बाद दिन भर भक्तों की भीड़ रही। यहां सिर्फ नवगछिया  ही नहीं बल्कि पूरे अनुमंडल के लोग प्रतिमा दर्शन के लिए आते हैं। यहां सुबह से ही लोगों की अपार भीड़ थी लेकिन दोपहर में परंपरा के अनुसार जब पाठा बलि शुरू हुई तो भीड़ और बढ़ गई। पूजा कमेटी के मुकेश राणा, अजय कुशवाहा, कौशल जयसवाल, जिला परिषद सदस्य बिपिन कुमार, नईम, हितेश, नवीन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

नवगछिया शहर के सभी पूजा स्थलों से बारात निकाली गई। शादी की हर रस्म पूरी करने के बाद कोहबर हुआ। लोक गाथा के अनुसार इसी कोहबर में बिहुला के पति बाला लखेन्द्र को नाग ने डंसा था। लिहाजा रात में जैसे ही सिंह नक्षत्र का प्रवेश हुआ इस कहानी के अनुसार बाला दंश की कथा भी रस्म में जीवंत हुई। पूजा पंडालों में भी रस्म के अनुसार महिलाओं के गीत से पूरा पंडाल गूंजायमान हो रहा था ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *