भागलपुर। मां विषहरी की प्रतिमा मंगलवार की मध्य रात्रि में अपने स्थान पर विराजमान हो गयी। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के पट खोल दिये गये। बुधवार को कुंवारी कन्याओं ने डालिया चढ़ाया। शाम में बाला लखेंद्र व बिहुला की बारात निकाली जायेगी। इसके बाद रात में शादी संपन्न करायी। इससे पूर्व परबत्ती, चंपानगर, छोटी खंजरपुर, बड़ी खंजरपुर, इशाकचक ईश्वरनगर आदि जगहों पर डालिया चढ़ाने श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

बूढ़ानाथ रोड़ स्थित आरके लेन के अध्यक्ष निरंजन सिंह ने बताया कि अभी कुंवारी कन्याओं के द्वारा डालिया चढ़ायी जा रही है। शाम में बाला लखेंद्र की बारात धूमधाम से निकाली जायेगी। बारात वापस आने के बाद बारातियों के स्वागत में भंडारा होगा। वहीं इशाकचक ईश्वरनगर में रात में प्रतिमा स्थापित हो गयी। सचिव संजय कुमार शर्मा ने बताया कि अहले सुबह चार बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पट को खोल दिये गये थे। बुधवार को सुबह सात बजे से सरकारी पूजा शुरू हो गयी उसके बाद 11 बजे से कुंवारी कन्याओं द्वारा डालिया चढ़ायी जा रही है। विषहरी पूजा केंद्रीय समिति भागलपुर के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि 18 अगस्त को सुबह सुहागिन अपने सुहाग की रक्षा के लिए व मन्नत पूरी होने के लिए डलिया चढ़ायेंगी। इसी दिन सर्पदंश का आयोजन के साथ भगत मंजूषा विसर्जन किया जायेगा। 19 अगस्त को दोपहर 12 बजे के बाद स्टेशन चौक से विसर्जन शोभायात्रा शुरू होगी। इसमें 40 से 50 प्रतिमाएं शामिल होंगी।

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