नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में मंत्री पाने में क्षेत्र के हिसाब से मिथिला और मगध का दबदबा रहा जिनको 8-8 मंत्री मिले। वहीं 38 में 18 जिलों के हाथ खाली रह गए जहां से कोई मंत्री नहींं बन सका।
नीतीश कुमार की अगुवाई में महागठबंधन की दूसरी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कुल 33 मंत्री बने हैं। मंत्रिमंडल में गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी का दबदबा है। कुल 33 मंत्रियों में 17 आरजेडी, 12 जेडीयू, कांग्रेस 2, हम 1 और 1 निर्दलीय शामिल हैं। क्षेत्रवार देखें तो 8-8 मंत्रियों के साथ मिथिला और मगध का जलवा बढ़ा है। वहीं राज्य के 38 जिलों में मात्र 20 को ही कोई मंत्री नसीब हो सका और 18 जिलों के हाथ खाली रह गए।
क्षेत्रवार समझिए नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों का हिसाब
नीतीश सरकार में सीएम समेत कुल 33 मंत्रियों में मिथिला और मगध के 8-8 नेताओं को जगह मिली है। इसके बाद दक्षिण बिहार का नंबर आता है जहां से 4 नेता मंत्री बने हैं। सीमांचल और सारण को 3-3 मंत्री मिला है। तिरहुत, कोशी और पूर्वी बिहार को 2-2 मंत्री मिला है। चंपारण को 1 मंत्री मिला है।
जिलावार समझिए नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों का हिसाब
जिलों की बात करें तो राज्य के 38 जिलों में 20 को ही मंत्री मिल पाया जबकि 18 जिले सूखे रह गए। इन 20 जिलों में समस्तीपुर, मधुबनी और गया ऐसे तीन जिले हैं जिनको 3-3 मंत्री मिला है। नालंदा, पटना, पूर्णिया, दरभंगा, कैमूर, सारण और रोहतास ऐसे जिले हैं जिनको 2-2 मंत्री मिला। एक मंत्री वाले जिलों में वैशाली, मधेपुरा, जमुई, गोपालगंज, शेखपुरा, बांका, अररिया, सुपौल, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर शामिल हैं।
इन 18 जिलों को नहीं नसीब हुआ एक भी मंत्री
नीतीश सरकार में जो जिले बिना प्रतिनिधित्व के रह गए उनमें अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, सहरसा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान और पश्चिम चंपारण शामिल हैं।