नवगछिया (भागलपुर)। पुलिस जिला नवगछिया के मुख्यालय से सटे गांव भवानीपुर जिसे आपराधिक छवि की दृष्टि से देखा जाता रहा है, इसी गांव की काजल ने काफी कठिन परिस्थितियों को झेलते हुए 66वीं बीपीएस की परीक्षा के अंतिम रिजल्ट में अपना परचम लहरा कर अपने गांव के साथ साथ अपने नवगछिया अनुमंडल और भागलपुर जिले का नाम रौशन कर दिखाया है। काजल नवगछिया भवानीपुर गांव में सरस्वती स्थान के समीप की रहने वाली है। जिसके पिता स्व अरुण रजक बीएमपी 7 में सिपाही थे। पिता की 2014 में असामयिक मृत्यु के बाद भाई विकास कुमार की नौकरी अनुकंपा पर सिपाही में हुई। लेकिन काजल का सपना पंचायतीराज पदाधिकारी बनने का था, सिपाही बनने का नहीं। जिसे उसने पूरा कर ही दिखाया। जो अन्य छात्र छात्राओं के लिए अनुकरणीय है।

भवानीपुर गांव में सिपाही पिता स्व अरुण कुमार रजक और गृहणी माता तरुणा देवी की बेटी है काजल कुमारी। जिसने नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत नगरपारा स्थित नवोदय स्कूल से इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद 2017 में पटना वीमेंस कॉलेज से फिजिक्स में स्नातक किया। इसके बाद 2018 में इसकी शादी खगड़िया जिला के लगार गांव निवासी नेवी इंजीनियर विजेन्द्र कुमार रजक से हो गई। लेकिन पढ़ाई और अपने लक्ष्य के सपने को हासिल करने के लिए लगातार प्रयासरत रही। इस बीच ये गर्भवती भी गयी। फिर भी अपने लक्ष्य से डिगी नहीं। उसी अवस्था में काजल ने बीपीएससी के मेंस की परीक्षा भी दे ही दी। इस कठिन परिश्रम का फल आज सब के सामने है। जिसने 66वीं बीपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम में 1289वां स्थान पाकर बिहार के पंचायती राज पदाधिकारी बनकर अपने सपने को सफल किया है। यहाँ यह कहावत पूर्णतः चरितार्थ होती है- “कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो”। 

सचमुच इस हौसले को सलाम करते हुए आज काजल को बधाइयां और शुभकामनाएं देने वालों में नवगछिया के तत्कालीन प्रशिक्षु डीएसपी अशोक कुमार, बसंती कुमारी, नवगछिया के त्रिपुरारी कुमार भारती, अभिषेक कुमार, प्रवीण भगत सहित दर्जनों लोग शामिल हैं।

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