सहरसा जिला जहाँ सत्तरकटैया प्रखंड के विशनपुर पंचायत स्थित जलकुंभी से बेकार पड़ी 51 एकड़ जमीन को डीएम आनंद शर्मा ने मनरेगा से सफाई करवाकर उपयोगी बनाने की एक अच्छी पहल जिलाधिकारी के द्वारा किया जा रहा है।
जलकुंभी से खाद सहित हैडीकाफ्ट पेपर जैसे कई अन्य चीज बनायी जा सकती
गुरूवार को आनंद शर्मा ने कनीय पदाधिकारियों के साथ अग्नि चौर के जलप्लावित व जलकुंभी से भरा पड़ा भूमि को उपयोगी बनाने और विकास कार्य के लिए गाद सफाई कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जलकुंभी हटाए जाने के बाद स्थानीय समूह को मत्स्य पालन से जोड़ते हुए रोजगार उन्मुखी बनाया जाएगा।
उन्होने कहा कि आमतौर पर लोग जलकुंभी को वेस्ट प्रोडक्ट मानते हैं। लेकिन उन्हें पता नही जलकुंभी से खाद सहित हैडीकाफ्ट पेपर जैसे कई अन्य चीज बनायी जा सकती है। जलकुंभी को उपयोगी बनाने के लिए सरकारी विश्वविद्यालयों से विशेषज्ञों की टीम बुलाकर जलकुंभी से अन्य संभावनाओं की तलाश की जाएगी और बेरोजगारी को आजीविका से जोड़ा जाएगा।
इस दौरान सत्तरकटैया सीओ जय प्रकाश राय द्वारा 25 एकड़ भूमि का अनापत्ति प्रमाणपत्र कार्य करने के लिए निर्गत किया। इस कार्य में निकाल गए जलकुंभी का निस्तारण करते हुए एसडीएम कॉलेज मैदान में जमा किया जाता है 6 लाख 73 हजार की लागता से जलकुंभी निस्तारण का काम किया जा रहा है।
जिससे सुवे में रोजगार का अवसर मिलेगा ।
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