बिहार में अभी केवल राजधानी पटना ही इकलौता ऐसा स्थान है जहां पर तारामंडल की सुविधा है लेकिन अब जल्द ही बिहार के दो और शहरों में तारामंडल खुलने वाला है यानी कि इन क्षेत्रों के लोगों को भी खगोलीय दुनिया की हरकतों गतिविधियों का रोमांच करीब से देखने का मौका मिलेगा और उन्हें इसके लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी।मिली जानकारी के अनुसार पटना के अलावा गया और भागलपुर ऐसे 2 जिले हैं जहां पर तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है यानी अब उत्तर और दक्षिण बिहार के विज्ञान के छात्रों को खगोल की दुनिया को नजदीक से जानने और समझने के लिए ज्यादा सुविधा होगी। बिहार के मुजफ्फरपुर में भी तारामंडल और स्पेस रिसर्च सेंटर खोले जा रहे हैं जिसको कि इसी साल तैयार किए जाने का लक्ष्य है खबरों की मानें तो तारामंडल का निर्माण करने के लिए अभी फिलहाल स्थल का चयन करने के लिए दिल्ली से स्पेस इंडियन समूह से जुड़े विशेषज्ञ और अधिकारियों को आमंत्रण भेजा गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्होंने मुजफ्फरपुर आने का आमंत्रण स्वीकार किया है और जून में आने पर अपनी सहमति जताई है रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए स्थल चयन होने के बाद पीपीपी मोड पर तारामंडल और स्पेस रिसर्च सेंटर का निर्माण शुरू कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें बिहार का पहला और देश का सातवां तारामंडल 1954 में मुजफ्फरपुर के एलएस कॉलेज में बना था। अब इस ऐतिहासिक तारामंडल और वेधशाला के जीर्णोद्धार करने की तैयारी की जा रही है हाल ही में एलएस कॉलेज में पहुंचे बिहार सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री सुमित कुमार ने कहा है कि इस विरासत को बचाने के लिए इसे पुनर्जीवित किया जाएगा। अभी पटना में ही तारामंडल है और यहां हर दिन अलग-अलग जिलों से साइंस से जुडे़ स्टूडेंट्स और आम लोग खगोलीय दुनिया को देखने समझने आते हैं.

जानकारों की मानें तो स्पेस रिसर्च सेंटर के निर्माण पर लगभग ₹50000000 खर्च किए जाएंगे इसके साथ ही बिहार के गया और भागलपुर में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है गया और भागलपुर में भी तारामंडल का लोग आनंद ले सकते हैं यहां तारामंडल का निर्माण कार्य चल रहा है अब तक विभागीय अधिकारियों ने यही कहा है कि नए साल के मध्य में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद इन तीनों जिलों में तारामंडल खुल जाने के बाद इन क्षेत्रों के लोगों और विद्यार्थियों को विज्ञान में रुचि बढ़ेगी आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें पटना में श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र भी है जहां राज्य भर के स्टूडेंट अपना ज्ञान बढ़ाने और जिज्ञासा पूरी करने आते हैं विशेषज्ञों का मानना है कि इन केंद्रों के खुलने से बच्चे बच्चों का मानसिक विकास होगा इन्हें अपने करियर को नई दिशा देने में मदद मिलेगी और परंपरागत पढ़ाई से हटकर यहां के विद्यार्थी स्पेस रिसर्च और साइंस के अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ सकेंगे।

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