बिहार की महिलायें सभी क्षेत्रों में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। यह सब सीएम नीतीश के दूरदर्शी सोच की वजह से संभव हुआ है। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी सोच के कारण महिलाएं सभी क्षेत्रों में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. राजनीति का क्षेत्र हो या फिर शिक्षा का या सरकारी नौकरियों का, सरकारीयोजनाओं की बदौलत महिलाओं की भागीदारी अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा है.
मुख्यमंत्री ने महिला उत्थान की दिशा में खींची बड़ी लकीर
उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री ने पंचायत और शहरी निकायों में महिलाओं के लिए 50 फ़ीसदी आरक्षण देकर देश में महिला उत्थान की दिशा में एक बड़ी लकीर खींच दी है। आज बिहार की महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में हैं. 2008 में नारी शक्ति योजना को लागू किया गया. इस योजना के तहत मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, कन्या उत्थान योजना तथा कन्या सुरक्षा योजना के जरिए बाल विवाह रोकने और कन्या जन्म को प्रोत्साहन करने की दिशा में सशक्त अभियान चला। बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ हजारों किलोमीटर की सफल मानव श्रृंखला बनाई गई. वर्ष 2009 में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% तथा शिक्षा विभाग की नौकरियों में 50% आरक्षण का प्रावधान कर महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों का दरवाजा खोल दिये गये।
महिलाओं को बनाया स्वावलंबी
सभी सरकारी दफ्तरों में पोस्टिंग में भी महिलाओं को 35% का आरक्षण किया गया. बिहार पुलिस में आज 25 फ़ीसदी से अधिक महिलाएं हैं जो एक रिकॉर्ड है. शिक्षा के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री ने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं .मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना से नामांकन में भारी इजाफा हुआ है. सीएम नीतीश कुमार ने मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय में नामांकन में 33 सीटों के लिए आरक्षित कर दिया. सरकार ने इंटर पास करने पर 25000 एवं स्नातक पास करने पर ₹50000 देने का प्रावधान किया है. मुख्यमंत्री महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की कोशिश में जुटे हैं।
बिहार की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए जीविका बेहद कारगर साबित हो रही है. इससे जुड़कर महिलाओं को घर में ही रोजगार मिल रहा है. जीविका के तहत स्वयं सहायता समूह ने उल्लेखनीय काम किया है. देश में सर्वाधिक संख्या में महिलाएं ऐसे समूह से जुड़ी हैं .रिकॉर्ड के मुताबिक 34260 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है. जिससे गरीब परिवारों के चार लाख 30 हजार महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं. छोटी बचत के जरिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बैंकों में 4 करोड रुपए जमा किए हैं. हाल ही में सरकार ने महिला उद्यमी योजना के तहत 10 लाख रुपए तक की मदद करने की घोषणा की है. जिसमें पांच लाख अनुदान एवं बाकी 5 लाख लोन मिलेगा