कोरोना की तीसरी लहर की तेज रफ्तार का असर अब पटना के मूर्तिकारों पर साफ दिखने लगा है। बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) के लिए देवी सरस्वती के मूर्ति निर्माण के काम में कारीगर करीब एक माह से लगे हुए हैं। इस साल बसंत पंचमी या सरस्वती पूजन का त्योहार 5 फरवरी को है। अब सरकार द्वारा नाइट कर्फ्यू लगाने के साथ ही धीरे-धीरे अन्य तरीके के प्रतिबंध लगाने की भी शुरुआत हो गई है।

पटना के हड़ताली मोड़ के पास मूर्ति बनाने के काम में लगे आनंद कुमार के अनुसार, तीसरी लहर की वजह से हमलोगों को बड़े आर्थिक नुकसान की संभावना पैदा हो गई है। इस महंगाई के जमाने में मिट्टी, खर, बांस, सूत, रंग, पेंट, मजदूरी एवं अन्य सामग्री में ऊंची लागत लग रही है। अब तक 300 मूर्तियां तैयार की गई हैं, जिसमें एक भी मूर्ति का बयाना नहीं मिला है।

उन्होंने बताया कि एक मूर्ति 150 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक में बेची जाती है। हम लोग पूरे साल बसंत पंचमी का इंतजार करते हैं। हमारी पूरी कमाई इसी समय होती है, लेकिन इस साल कमाई की संभावना नहीं दिख रही है। कमाई नहीं होने की वजह से हम लोगों को कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ता है। इस साल भी सब कुछ भगवान भरोसे ही है।

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