बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित तृतीय शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-3) के तहत चयनित कुल 51,389 शिक्षकों में से 24,150 शिक्षकों को सोमवार को विद्यालय आवंटित कर दिया गया है। यह पदस्थापन राज्य के 14 जिलों में किया गया है, और संबंधित जिलों में सूची भी जारी कर दी गई है। सभी शिक्षकों को 15 मई तक अपने-अपने विद्यालयों में योगदान करने का निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया है।

सोमवार को जिन जिलों में शिक्षकों को पदस्थापित किया गया, उनमें पश्चिम चंपारण (302), मुजफ्फरपुर (2414), सुपौल (1356), सीवान (1424), सीतामढ़ी (1520), सारण (2124), समस्तीपुर (3326), सहरसा (1664), लखीसराय (601), खगड़िया (1341), कटिहार (2051), जमुई (1398), बक्सर (905) और अररिया (1014) शामिल हैं। इससे पहले शनिवार को भी 14 जिलों के 15,528 शिक्षकों का पदस्थापन किया गया था। इन जिलों में बांका, भोजपुर, अरवल, भागलपुर, गोपालगंज, कैमूर, किशनगंज, शिवहर, नवादा, नालंदा, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और रोहतास शामिल थे।

शिक्षा विभाग ने साफ तौर पर निर्देश दिया है कि यह पहला पदस्थापन है, अतः सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से आवंटित विद्यालय में योगदान करना होगा। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि यदि किसी शिक्षक को किसी कारणवश कठिनाई होती है तो वे बाद में स्थानांतरण हेतु आवेदन दे सकते हैं, लेकिन पहले योगदान करना अनिवार्य है।

यह प्रक्रिया राज्य में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। 9 मार्च को सभी चयनित शिक्षकों को औपबंधिक नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था, और अब पदस्थापन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 15 मई तक सभी चयनित शिक्षकों के स्कूलों में योगदान करने से राज्य में शिक्षकों की कुल संख्या लगभग छह लाख हो जाएगी।

इस बहाली से सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई की व्यवस्था को बड़ा बल मिलेगा। लंबे समय से शिक्षकों की कमी के कारण प्रभावित हो रही पढ़ाई अब नियमित रूप से संचालित हो सकेगी। इससे न केवल शिक्षण स्तर में सुधार होगा, बल्कि छात्रों की उपस्थिति और शैक्षणिक प्रदर्शन में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है।

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