नेपाल पुलिस ने अलग-अलग होटलों से छापेमारी कर दो किलो यूरेनियम के साथ 15 तस्करों को पकड़ा है. पकड़े गए तस्कर ये यूरेनियम लेकर अररिया जिले के जोगबनी बॉर्डर से सीमा पार कर बिहार में प्रवेश की फिराक में थे. नेपाल पुलिस की इस कार्रवाई के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है.

बिहार में फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता के बावजूद राष्ट्रविरोधी तत्व भी अपने काम को अंजाम देने में लगे हैं. बिहार के सीमांचल इलाके में स्लीपर सेल भी पूरी तरह सक्रिय हैं. भारत और नेपाल की सीमा के पास विराटनगर से दो किलो यूरेनियम का बरामद होना इस बात की गवाही देता है.

यूरेनियम मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के खुलासे के तुरंत बाद यूरेनियम का मिलना किसी खतरनाक साजिश का परिणाम तो नहीं. जानकारी के मुताबिक नेपाल की पुलिस ने यूरेनियम के साथ 15 तस्करों को गिरफ्तार किया है. कहा जा रहा है कि सभी 15 तस्कर पकड़े गए यूरेनियम लेकर बिहार जा रहे थे.

बताया जाता है कि ये सभी बिहार के अररिया के जोगबनी बॉर्डर से भारत में प्रवेश करने वाले थे. उनका टारगेट पहले बिहार में प्रवेश करना था. विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में यूरेनियम का पकड़ा जाना जरूर किसी बड़ी घटना की साजिश की ओर इशारा करता है. खुफिया विभाग के मुताबिक इतनी बड़ी मात्रा में यूरेनियम का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी तत्व ही करते हैं.

क्या कहती है नेपाल पुलिस

वहीं इस मामले में नेपाल के मोरंग जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शांतिराज कोईराला ने मामले की पुष्टि की है. नेपाल के मोरंग जिले के एसपी शांतिराज कोईराला ने कहा है कि यूरेनियम की काठमांडू के रास्ते भारतीय सीमा में एंट्री कराई जानी थी. हालांकि, उससे पहले ही नेपाल पुलिस ने तस्करों को अलग-अलग होटलों से धर दबोचा.

सीमांचल में पैर जमा रहे हैं स्लीपर सेल

उधर, सीमांचल के जिले अररिया में स्लीपर सेल के एक्टिव होने की खबर के बाद पुलिस अलर्ट है. वहीं सीमांचल में तैनात खुफिया अधिकारियों ने सतर्कता बढ़ा दी है. खुफिया सूत्रों की मानें तो साल 2018 के सितंबर में मुबंई समेत सात शहरों में बम ब्लास्ट के आरोपी खुर्शीद आलम की सुनसरी में एक गोलीबारी में हत्या हो गई थी. वो इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य था. खुर्शीद के नेटवर्क का काम था कि भारत से भागे आतंकियों को नेपाल में शरण दिलाना और बिहार के स्लीपर सेल को अररिया और सीमांचल में संरक्षित करना.

नेपाल के स्कूल में प्रिंसिपल था खुर्शीद

खुर्शीद नेपाल के एक स्कूल में प्रिंसिपल था. आरोप है कि खुर्शीद ने बिहार के स्लीपर सेल से जुड़े कई लोगों को उसने अपने स्कूल में नौकरी दी थी. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक खुर्शीद तो मारा गया, उसके बाद भी उसके लोग अररिया और सीमावर्ती इलाके में सक्रिय हैं. इसका खुलासा तब हुआ था, जब इंडियन मुजाहिद्दीन का असिस्टेंट चीफ अब्दुल सुहार कुरैशी उर्फ तौकीर और आरिज खान उर्फ जुनैद पकड़े गए थे.

अब्दुल सुहार कुरैशी और जुनैद ने खुर्शीद आलम का नाम उगला था. सितंबर 2018 में नेपाल के सुनसारी शहर के हरिनगर इलाके में दो बाइक सवार बदमाशों ने खुर्शीद की  हत्या की थी. बाद में सुरक्षा एजेंसियों को ये पता चला कि खुर्शीद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था और भारत में जाली नोट की सप्लाई करता था. खुर्शीद की हत्या के बाद अब फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल सामने आने के बाद भारत नेपाल सीमा पर खुफिया विभाग सक्रिय हो गया है.

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