शिवनारायणपुर। रेलवे प्रशासन ने शनिवार को शिवनारायणपुर स्टेशन परिसर एवं रेलवे लाइन किनारे अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस अभियान में रेलवे की जमीन पर अनाधिकृत रूप से झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों की 32 झुग्गी-झोपड़ियों को हटाया गया। यह कार्रवाई रेलवे के पीडब्लूआई कुणाल कुमार और आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन कुमार के नेतृत्व में स्थानीय थाने की पुलिस बल के सहयोग से की गई।

अतिक्रमण हटाने के दौरान स्टेशन परिसर और रेलवे लाइन किनारे बसे लोगों से बार-बार अपील की गई कि वे खुद से अपना सामान हटा लें। कुछ लोगों ने खुद से झोपड़ी हटाई, जबकि कुछ लोगों के झोपड़े को जेसीबी की मदद से हटाया गया। इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में आरपीएफ और स्थानीय पुलिस बल मौके पर तैनात रहे ताकि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन कुमार ने बताया कि रेलवे पटरियों पर अतिक्रमण के कारण ट्रेनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न होती थी। साथ ही पटरियों पर मवेशियों के आने और ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही थी, जिसे रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि शिवनारायणपुर स्टेशन क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर करीब 70-80 झोपड़ियां और बनी हुई हैं, जिन्हें हटाने के लिए तीन-चार दिनों का समय दिया गया है। यदि इस समयावधि में अतिक्रमणकारी स्वयं से नहीं हटते हैं, तो रेलवे प्रशासन जेसीबी की मदद से अगले शनिवार को अतिक्रमण मुक्त कर देगा।
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि रेलवे ट्रैक और स्टेशन परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके। साथ ही रेलवे की जमीन का अन्य विकास कार्यों के लिए भी उपयोग किया जा सके।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान लोगों को मौके पर समझाया गया कि रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बसना कानूनी अपराध है, साथ ही उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए भी यह हानिकारक है। उन्होंने कहा कि रेलवे की जमीन का अतिक्रमण हटने से पटरियों की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और ट्रेनों के परिचालन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।
रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के दौरान आसपास के ग्रामीणों और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की और कहा कि वह किसी भी प्रकार की गलतफहमी में न रहें। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाना रेलवे की मजबूरी है ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं से बचाव हो सके और रेलवे की विकास योजनाओं में गति आ सके।
रेलवे के इस सख्त कदम के बाद स्टेशन परिसर और पटरियों के किनारे अतिक्रमण करने वाले अन्य लोग भी अपना झोपड़ा हटाने में जुट गए हैं। प्रशासन की सख्ती से अब यह संदेश साफ है कि रेलवे ट्रैक और परिसर में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें