पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमों में सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर जेडीयू और बीजेपी के बीच सहमति की कोशिशें चल रही हैं, वहीं **लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)** के अध्यक्ष **चिराग पासवान** की अधिक सीटों की मांग ने एनडीए के भीतर सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
🟠 चिराग की 30 से 35 सीटों की मांग
सूत्रों के अनुसार, एनडीए में पांच सांसदों के साथ मजबूत स्थिति में आए चिराग पासवान विधानसभा चुनाव में **30 से 35 सीटों** की मांग कर रहे हैं। हालांकि, गठबंधन के अन्य घटक दलों की सीटों को देखते हुए यह मांग एनडीए के लिए चुनौती बन गई है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, चिराग को मनाने के लिए 22 सीटें, एक राज्यसभा और एक विधान परिषद की सीट देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
🟢 दिल्ली में बैठकों का दौर
दिल्ली में बीजेपी के बिहार प्रभारी **धर्मेंद्र प्रधान** और संगठन महामंत्री **विनोद तावड़े** ने चिराग पासवान से मुलाकात की है। चर्चा है कि एनडीए नेतृत्व किसी भी सूरत में चिराग को साथ रखना चाहता है, ताकि 2020 जैसी स्थिति दोबारा न बने, जब चिराग ने अलग राह पकड़कर जेडीयू को नुकसान पहुंचाया था।
🔵 2020 में “चिराग फैक्टर” से जेडीयू को भारी नुकसान
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर जेडीयू को बड़ा झटका दिया था। जेडीयू केवल 43 सीटों पर सिमट गई, जबकि चिराग की पार्टी को **5.64% वोट शेयर** मिला। उनके 135 उम्मीदवारों में से केवल एक जीता था, लेकिन बाद में वह भी जेडीयू में शामिल हो गया।
🔴 मटिहानी सीट पर टकराव
मटिहानी विधानसभा सीट को लेकर जेडीयू और लोजपा (रामविलास) में विवाद है। यह सीट 2020 में लोजपा के टिकट पर **राजकुमार सिंह** ने जीती थी, जो बाद में जेडीयू में चले गए। अब दोनों ही दल इस सीट पर अपना दावा जता रहे हैं — जेडीयू का कहना है कि सीटिंग विधायक उनके हैं, जबकि चिराग का कहना है कि “जीत हमारी पार्टी के टिकट पर हुई थी।”
⚫ चिराग पासवान का बढ़ता जनाधार
2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने बिहार में 5 में से 5 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे चिराग की राजनीतिक हैसियत और बढ़ गई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान इस बार बिहार चुनाव के ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकते हैं।
🟣 जेडीयू ने विवाद से किया इनकार
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता **नीरज कुमार** ने कहा कि एनडीए में किसी तरह का मतभेद नहीं है। “चिराग पासवान नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं और युवाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एनडीए पूरी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेगा,” उन्होंने कहा।
विश्लेषकों की राय
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक **कौशलेंद्र प्रियदर्शी** का कहना है — “अगर चिराग पासवान एनडीए के साथ रहते हैं, तो गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिल सकता है। लेकिन अगर वे 2020 की तरह अलग राह अपनाते हैं, तो एनडीए की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।”
चिराग पासवान इस चुनाव में सिर्फ उम्मीदवार नहीं, बल्कि बिहार की सियासत के बैलेंसिंग फैक्टर साबित हो सकते हैं।”
