साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर भागलपुर पुलिस सक्रिय होती दिख रही है। शुक्रवार को भागलपुर साइबर थाना की टीम ने तिलकामांझी चौक पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया, जिसमें आम नागरिकों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस जनजागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को साइबर अपराध से बचाव के तरीके बताना और डिजिटल सुरक्षा के प्रति सजग बनाना था।

कार्यक्रम में **अवर निरीक्षक आलोक कुमार** ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है *जागरूकता*।” उन्होंने बताया कि आज के डिजिटल युग में ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं और लोग छोटी-छोटी लापरवाहियों के कारण उनका शिकार बन जाते हैं।
अवर निरीक्षक आलोक कुमार ने नुक्कड़ सभा के माध्यम से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर लोगों को जागरूक किया:
* किसी भी **अनजान लिंक पर क्लिक न करें**, चाहे वह ईमेल, व्हाट्सएप, या एसएमएस के माध्यम से आया हो।
* **अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल** को नजरअंदाज करें, खासकर जब वह किसी महिला की तस्वीर या आकर्षक प्रोफाइल के साथ हो।
* अगर आप किसी को **रकम ट्रांसफर** कर रहे हैं, तो पहले उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। नाम और बैंक डिटेल की जांच जरूर करें।
* **सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों** के साथ व्यापारिक या व्यक्तिगत संबंध न बनाएं।
* कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसके **रिव्यू और परमिशन** को अच्छी तरह से पढ़ लें।
उन्होंने यह भी बताया कि आजकल ठग खुद को बैंक कर्मी, पुलिस अधिकारी या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से उनके खाते की जानकारी, ओटीपी, या कार्ड डिटेल पूछते हैं। इस तरह की कॉल या मैसेज से सतर्क रहें और किसी भी स्थिति में ऐसी जानकारी साझा न करें।
कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी भी दी गई कि अगर कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। पीड़ित को तत्काल:
* **राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930** पर कॉल करना चाहिए।
* अपनी शिकायत के साथ **सम्बंधित विवरण (जैसे ट्रांजैक्शन नंबर, कॉल डिटेल, स्क्रीनशॉट आदि)** भी साझा करना चाहिए।
* इसके अलावा [www.cybercrime.gov.in](http://www.cybercrime.gov.in) पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।
पुलिस का कहना है कि अगर शिकायत **समय रहते दर्ज** कर दी जाए, तो ठगी की गई रकम को वापस पाने की संभावना बढ़ जाती है। पुलिस टीम ने लोगों से आग्रह किया कि वे न केवल खुद सतर्क रहें, बल्कि अपने परिवार और पड़ोसियों को भी इन बातों की जानकारी दें।
अवर निरीक्षक आलोक कुमार ने यह भी बताया कि बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानकारी सीमित होती है। ऐसे में उनके मोबाइल में कौन से ऐप हैं, वे किससे बात कर रहे हैं, इस पर परिजनों को नजर रखनी चाहिए।
तिलकामांझी चौक पर आयोजित यह नुक्कड़ सभा काफी प्रभावी रही। राहगीरों से लेकर स्थानीय दुकानदारों ने भी रुचि दिखाते हुए साइबर अपराध से जुड़े सवाल पूछे। पुलिस कर्मियों ने हर सवाल का सरल भाषा में जवाब देकर लोगों को तकनीकी धोखाधड़ी से बचने के उपाय बताए।
पुलिस विभाग का यह प्रयास सराहनीय है, जिससे न केवल लोगों में जागरूकता फैलेगी, बल्कि साइबर ठगी के मामलों में भी गिरावट आने की संभावना है। ऐसे जन-जागरूकता अभियान समय-समय पर आयोजित किए जाते रहें, तो भागलपुर जैसे शहर साइबर अपराध से काफी हद तक सुरक्षित हो सकते हैं।
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