सहरसासहरसा



सहरसा जिला मुख्यालय स्थित स्टेडियम में सोमवार की सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब होमगार्ड बहाली प्रक्रिया के दौरान एक अभ्यर्थी ने ड्यूटी पर तैनात महिला थाना की सब-इंस्पेक्टर (SI) करमन कुमारी पर हमला कर दिया। यह हमला इतने अचानक और अप्रत्याशित तरीके से हुआ कि कुछ पलों के लिए पूरा परिसर दहल उठा।

मामला उस समय का है जब होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया अपने पहले चरण में चल रही थी। भीषण गर्मी के बीच दर्जनों उम्मीदवार स्टेडियम में लाइन में लगे थे। इसी बीच एक युवक ने सब-इंस्पेक्टर करमन कुमारी से पानी पीने की अनुमति मांगी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, या तो अनुमति नहीं दी गई या किसी बात को लेकर युवक और एसआई के बीच बहस हो गई। बहस अचानक इतनी तीव्र हो गई कि युवक ने आपा खो दिया और गुस्से में आकर अपने पास मौजूद मोबाइल फोन से सीधा करमन कुमारी के सिर पर जोरदार हमला कर दिया।

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हमले में एसआई करमन कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गईं। सिर पर लगी चोट के कारण वह मौके पर ही गिर पड़ीं, और वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों और अभ्यर्थियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। तत्काल पुलिस बल ने स्थिति को काबू में किया और हमलावर युवक को हिरासत में ले लिया।

घायल एसआई को तुरंत सहरसा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज शुरू किया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, उनकी हालत चिंताजनक है और सिर पर गहरा जख्म है। हालांकि, स्थिति को लेकर मेडिकल टीम ने सतर्कता बरतते हुए विशेष निगरानी में रखा है।

पुलिस प्रशासन ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। सहरसा एसपी ने घटना को बेहद गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही स्टेडियम परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा की जा रही है, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।

यह घटना जहां एक ओर पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, वहीं यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि क्या बहाली प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे? जब एक पुलिस अधिकारी खुद असुरक्षित महसूस करे, तो आम लोगों के सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जा सकती है?

स्थानीय लोगों और अभ्यर्थियों में भी इस घटना को लेकर भय और गुस्सा दोनों देखा गया। कुछ लोगों ने कहा कि गर्मी और भीड़ के कारण सभी तनाव में थे, लेकिन हमला करना किसी भी स्थिति में जायज नहीं ठहराया जा सकता।

फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसने हमला किन परिस्थितियों में और किन मानसिक स्थिति में किया। वहीं, पुलिस लाइन और जिला प्रशासन की ओर से महिला एसआई के स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।

घटना ने जहां सुरक्षा प्रबंधन की पोल खोली है, वहीं पुलिस महकमा भी अपने स्तर पर आत्ममंथन करने को मजबूर हो गया है। प्रशासन की जिम्मेदारी अब यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी संवेदनशील प्रक्रियाओं में सभी कर्मी सुरक्षित रहें, और किसी भी असामाजिक तत्व को माहौल बिगाड़ने का मौका न मिले।


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By admin

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