**भागलपुर, बिहार।**
शहर में एक बेहद सराहनीय और मानवता से भरपूर पहल की जा रही है, जिसका उद्देश्य जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चों को जीवनदान देना है। **जीवन जागृति सोसाइटी**, **शिशु अकादमी-भागलपुर** और **नारायणा हेल्थ** (जिसमें *नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल* एवं *रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज, कोलकाता* शामिल हैं) के संयुक्त प्रयास से **एक विशेष मेगा मेडिकल कैंप** का आयोजन किया जा रहा है।
इस **निःशुल्क शिशु हृदय रोग जांच शिविर** में जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) से पीड़ित बच्चों की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उनका संपूर्ण इलाज व ऑपरेशन भी **बिल्कुल मुफ्त** किया जाएगा।
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### **शिविर की जानकारी और उद्देश्य**
इस पहल की जानकारी देते हुए **जीवन जागृति सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह** ने बताया कि संस्था वर्षों से नारायणा हेल्थ कोलकाता के साथ मिलकर इस सेवा कार्य में जुटी हुई है। अब तक सैकड़ों बच्चों का सफल ऑपरेशन करवाकर उन्हें नया जीवन दिया गया है।
डॉ. सिंह ने कहा,
> “हमारा मुख्य उद्देश्य है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चे इस सेवा का लाभ ले सकें। ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह सुनहरा अवसर है। ऐसे परिवार जिनके लिए ऑपरेशन का खर्च वहन करना संभव नहीं, उनके बच्चों को यह शिविर जीवनदान दे सकता है।”
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### **शिविर में जांच कौन करेगा?**
इस शिविर में **कोलकाता के प्रतिष्ठित कार्डियक सर्जन डॉ. अमिताभ चट्टोपाध्याय** और उनकी विशेषज्ञ टीम बच्चों की पूरी **निःशुल्क जांच** करेगी। जांच के बाद अगर किसी बच्चे को ऑपरेशन की आवश्यकता होगी तो उसका इलाज **कोलकाता के नारायणा हेल्थ अस्पताल में पूरी तरह मुफ्त में** किया जाएगा।
डॉ. चट्टोपाध्याय भारत के वरिष्ठ शिशु हृदय रोग विशेषज्ञों में गिने जाते हैं और उनका नेतृत्व इस कैंप की विश्वसनीयता को और मजबूत बनाता है।
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### **सरकार से सहयोग भी उपलब्ध**
**बिहार सरकार की मुख्यमंत्री आरोग्य योजना** के अंतर्गत पहले से ही ऐसे बच्चों के इलाज हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध है, जिससे देश के किसी भी मान्यता प्राप्त अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन संभव है। लेकिन, आम ग्रामीण व्यक्ति के लिए यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए **जीवन जागृति सोसाइटी** इसमें परामर्श और प्रक्रिया संबंधी मदद करती है।
सोसाइटी पूरी जिम्मेदारी के साथ यह सुनिश्चित करती है कि जिन बच्चों को ऑपरेशन की आवश्यकता हो, उनके दस्तावेज तैयार हों और उन्हें उचित इलाज मिल सके।
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### **आईएपी कोषाध्यक्ष डॉ. आर. के. मिश्रा की जानकारी**
भारतीय शिशु रोग अकादमी (IAP) के कोषाध्यक्ष और सीनियर शिशु रोग विशेषज्ञ **डॉ. आर. के. मिश्रा** ने इस अवसर पर बताया कि
> “हर एक हजार नवजात बच्चों में 8 से 12 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित होते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है और समय रहते इलाज बेहद जरूरी होता है।”
उन्होंने बताया कि आमतौर पर हृदय रोग का पता समय पर नहीं चल पाता, जिससे बच्चे के शारीरिक विकास में बाधा आती है या कभी-कभी जान भी चली जाती है।
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### **बच्चों में हृदय रोग के लक्षण**
डॉ. मिश्रा ने कुछ **प्रमुख लक्षण** भी बताए, जिनसे अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए:
* बच्चे का दूध पीने में कठिनाई होना
* सांस का तेज चलना या फूलना
* बार-बार निमोनिया होना
* शरीर, होंठ या नाखून का नीला पड़ना
* वजन न बढ़ना या विकास में बाधा
* बार-बार बेहोश होना या थकावट महसूस होना
यदि आपके बच्चे में ये लक्षण दिखते हैं तो इसे नजरअंदाज न करें और कैंप में अवश्य लाएं।
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### **पंजीकरण की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज**
इस **मुफ्त शिविर में भाग लेने के लिए पूर्व पंजीकरण (Registration) अनिवार्य है**। पंजीकरण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज साथ लाना जरूरी होगा:
* **अभिभावक का आधार कार्ड** (फोटो कॉपी)
* **बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र** (यदि उपलब्ध हो, फोटो कॉपी)
हालांकि, केवल परामर्श के लिए यह दस्तावेज अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन ऑपरेशन के लिए ये आवश्यक होंगे।
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### **कैंप का स्थान और संपर्क विवरण**
* **स्थान:** मेडिफोर्ट वेलनेस हॉस्पिटल, शीश महल होटल गली, तिलकामांझी, भागलपुर
* **संपर्क व रजिस्ट्रेशन हेतु मोबाइल नंबर:**
📞 +91 95722 05142
📞 +91 80028 84853
कृपया इन नंबरों पर संपर्क करके अपने बच्चे का नाम कैंप में पंजीकृत करवाएं और समय पर जांच के लिए उपस्थित हों।
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### **सम्मेलन में प्रमुख उपस्थित लोग**
आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में **आईएपी के कोषाध्यक्ष डॉ. आर. के. मिश्रा**, **जीवन जागृति सोसाइटी के सचिव श्री सोमेश यादव**, और **रवींद्रनाथ टैगोर हॉस्पिटल कोलकाता के प्रतिनिधि श्री हरिओम दास** उपस्थित रहे। उन्होंने इस मुहिम को पूरे समाज के लिए अत्यंत लाभकारी बताया और अपील की कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस शिविर का लाभ उठाएं।
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### **समापन संदेश:**
यह शिविर सिर्फ एक मेडिकल कैंप नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए एक आशा की किरण है जो आर्थिक कारणों से अपने बच्चों का इलाज नहीं करवा पाते। यह पहल न केवल मानवता का प्रतीक है, बल्कि समाज के प्रति सच्ची सेवा भावना भी दर्शाती है।
**अगर आपके या किसी जानने वाले के बच्चे में उपरोक्त लक्षण दिखते हैं, तो बिना देरी किए इस कैंप में जरूर पहुंचें। एक छोटी सी जांच आपके बच्चे को जीवनभर की सुरक्षा दे सकती है।**
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