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गोपालपुर। इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर अतिक्रमण कर बसे विस्थापितों को हटाने के लिए सोमवार को अंचलाधिकारी (सीओ) रौशन कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। सीओ ने तटबंध पर स्पर संख्या आठ और नौ के बीच बसे विस्थापित परिवारों से अपने आशियाने को स्वयं हटाने की अपील की।

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सीओ ने स्पष्ट कहा कि तटबंध की सुरक्षा को देखते हुए इसे खाली कराना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से कई बार नोटिस जारी कर विस्थापित परिवारों को स्वयं अपने घर हटाने की चेतावनी दी गई थी, साथ ही बीते दो-तीन दिनों से ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से लगातार घोषणा कर लोगों को जानकारी दी जा रही थी। बावजूद इसके कई परिवार अब तक तटबंध पर रह रहे हैं, जिससे बाढ़ पूर्व तटबंध सुरक्षा कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।

तटबंध पर पहुंच कर सीओ रौशन कुमार स्वयं प्रत्येक परिवार से बात कर रहे थे और उन्हें समझा रहे थे कि तटबंध पर रहना उनके और पूरे इलाके के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में तटबंध पर दबाव बढ़ता है, और अतिक्रमण रहने से इसके टूटने की संभावना बनी रहती है।

इस दौरान गोपालपुर थाना के एसआई शिवनंदन सहनी भी तटबंध क्षेत्र में मौजूद थे। वे लगातार तटबंध पर घूम-घूम कर विस्थापित परिवारों से शांतिपूर्ण ढंग से अपने आशियाने हटाने की अपील कर रहे थे। उन्होंने परिवारों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन उनकी समस्याओं पर भी विचार करेगा, लेकिन तटबंध को खाली करना जरूरी है।

मौके पर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल नवगछिया के कई अभियंता भी मौजूद थे। अभियंताओं ने तटबंध पर बने अस्थाई घरों की स्थिति का निरीक्षण किया और सुरक्षा दृष्टिकोण से तटबंध की स्थिति की समीक्षा की। अभियंताओं ने बताया कि बाढ़ पूर्व सुरक्षा कार्य अंतिम चरण में है और तटबंध पर बसे लोगों को हटाए बिना कार्य पूरा नहीं हो सकता।

अधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल और प्रशासन की ओर से तटबंध सुरक्षा कार्य के लिए पर्याप्त सामग्री एवं संसाधन तैनात किए गए हैं। जैसे ही तटबंध खाली होगा, बचा हुआ सुरक्षा कार्य तेजी से पूरा कर लिया जाएगा।

इधर, तटबंध पर बसे कई विस्थापित परिवारों ने प्रशासन से कुछ दिनों की मोहलत देने की मांग की है। उनका कहना है कि बारिश का समय चल रहा है, ऐसे में तुरंत घर हटाना मुश्किल है। वहीं प्रशासन ने कहा है कि तटबंध की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे लेकर किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

ग्रामीणों के अनुसार, बाढ़ आने पर तटबंध टूटने की स्थिति में बड़े इलाके में पानी घुस सकता है। प्रशासन के मुताबिक, तटबंध खाली होने से न केवल सुरक्षा कार्य समय पर पूरा होगा बल्कि बाढ़ की स्थिति में लोगों की जान-माल की रक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

 

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