बक्सर। बिहार के बक्सर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पारिवारिक विवाद सुलझाने पहुंचे एक एएसआई (सहायक अवर निरीक्षक) पर युवक ने चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। यह घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मलाहचकिया गांव की है। हमले में एएसआई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एएसआई नीतीश कुमार को मलाहचकिया गांव से सूचना मिली थी कि एक युवक अपने माता-पिता के साथ मारपीट कर रहा है और घर में तोड़फोड़ कर रहा है। इतना ही नहीं, वह घर को आग लगाने और अपने माता-पिता को जान से मारने की धमकी भी दे रहा था।
सूचना के बाद एएसआई नीतीश कुमार बिना किसी सुरक्षा बल (फोर्स) के मौके पर पहुंचे और मामले को सुलझाने का प्रयास करने लगे। लेकिन जैसे ही वे युवक से बातचीत करने लगे, आरोपी ने अचानक चाकू से हमला कर दिया। हमला इतना तीव्र था कि एएसआई गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही गिर पड़े।
ग्रामीणों ने बचाई जान
घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर एएसआई नीतीश कुमार को हमलावर युवक से बचाया और गंभीर हालत में निकटवर्ती अस्पताल ले गए। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज अभी भी जारी है।
आरोपी गिरफ्तार
हमले की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी सत्येंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या के प्रयास और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपी युवक के मानसिक स्वास्थ्य की भी जांच कराने की बात कह रही है, क्योंकि उसके व्यवहार में असामान्यता पाई गई है।
पुलिस महकमे में आक्रोश
इस हमले के बाद पुलिस महकमे में भी गहरा आक्रोश है। सवाल उठ रहे हैं कि एक एएसआई को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के गंभीर पारिवारिक विवाद को सुलझाने क्यों भेजा गया? इस घटना ने पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
एसपी ने कहा– दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई
घटना के बाद बक्सर एसपी ने बयान जारी कर कहा कि आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे से इस तरह के मामलों में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा।
निष्कर्ष
बक्सर की यह घटना पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और बढ़ती असंवेदनशीलता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। एक ओर जहां पुलिस दिन-रात आमजन की सेवा में तत्पर है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के हमले न केवल उनके मनोबल को प्रभावित करते हैं बल्कि पुलिस और समाज के रिश्तों को भी चोट पहुंचाते हैं। उम्मीद की जा रही है कि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिलेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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