भागलपुर, बिहार – बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के पलायन को लेकर भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनके आवास स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित एक अहम प्रेस वार्ता में उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों को विफल करार देते हुए कहा कि अगर युवाओं को रोजगार नहीं दिया गया, तो सरकार को सत्ता छोड़नी होगी।

विधायक अजीत शर्मा ने प्रेस को संबोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा—”बिहार के युवाओं को रोजगार दो, नहीं तो गद्दी छोड़ो!” उन्होंने बताया कि प्रदेश के नौजवान आज शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर न होने के कारण वे मजबूर होकर पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते ये प्रतिभाएं बाहर जाकर मेहनत करने को मजबूर हैं।
अजीत शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर निर्णायक आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करते हुए बताया कि कल यानी गुरुवार को वे भागलपुर के युवाओं के साथ जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन केवल नाराजगी जताने भर के लिए नहीं है, बल्कि सरकार को चेतावनी देने के लिए है कि अब बिहार का युवा चुप नहीं बैठेगा।
विधायक ने कहा, “यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक निर्णायक संघर्ष की शुरुआत है जिसकी गूंज पटना से लेकर दिल्ली तक सुनाई देगी।” उन्होंने साफ किया कि यह आंदोलन राजनीति से ऊपर है और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की लड़ाई है।
इस दौरान उन्होंने महागठबंधन की संभावित सरकार के वादों को भी साझा किया। उन्होंने दावा किया कि यदि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो सबसे पहला कार्य युवाओं को उनके गृह राज्य में ही रोजगार दिलाने का होगा। “हमारे राज्य के नौजवानों को घर से दूर जाकर मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी। वे यहीं, अपने जिले और गांव में, सम्मानजनक रोज़गार पाएंगे,” उन्होंने कहा।
विधायक अजीत शर्मा ने इस अवसर पर एक महत्वाकांक्षी योजना की भी घोषणा की, जिसका नाम उन्होंने **”माई-बहन योजना”** रखा है। इस योजना के अंतर्गत उन्होंने वादा किया कि महागठबंधन की सरकार बनने पर बिहार की प्रत्येक महिला को ₹2500 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी, जिससे न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भरता मिलेगी, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
उन्होंने बताया कि यह आंदोलन केवल युवाओं और महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि उस हर आम नागरिक के लिए है जो बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्ट व्यवस्था से त्रस्त है। उन्होंने कहा, “सरकारें केवल वादे करना जानती हैं, लेकिन हम ज़मीन पर काम करने और लोगों की समस्याओं का समाधान करने में विश्वास रखते हैं।”
अजीत शर्मा ने जनता से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है जब हर युवा, हर महिला और हर जागरूक नागरिक को अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आज हम चुप रहे, तो आने वाली पीढ़ियां भी बेरोजगारी और पलायन का शिकार बनती रहेंगी।
प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे इस मुद्दे को बिहार विधानसभा और संसद तक भी ले जाएंगे, ताकि सरकार को जवाब देना पड़े कि आखिर कब तक बिहार के युवाओं को दर-बदर भटकने के लिए मजबूर किया जाएगा।
**निष्कर्षतः**, भागलपुर से उठी यह आवाज अब सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं रहने वाली। अजीत शर्मा के नेतृत्व में यह आंदोलन एक व्यापक जन-आंदोलन का रूप लेने को तैयार है, जिसका उद्देश्य केवल रोजगार की मांग नहीं, बल्कि न्याय, अधिकार और आत्मसम्मान की वापसी है।
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