गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत सैदपुर पंचायत के बुद्धूचक दियारा निवासी शंकर सिंह, पिता नेवी सिंह, को रसेल वाइपर (घातक सांप) के काटने से गंभीर स्थिति में मायागंज अस्पताल रेफर किया गया है। घटना रविवार देर शाम की है जब शंकर सिंह बुद्धूचक दियारा क्षेत्र से नाव द्वारा वापस लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में जहरीले रसेल वाइपर ने उनके पैर में काट लिया, जिसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ने लगी।
परिजनों ने तत्काल उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गोपालपुर लाया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधांशु कुमार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उपचार आरंभ किया। अस्पताल में उपलब्ध 44 वायल एंटी स्नेक वेनम देकर उनका प्राथमिक उपचार किया गया। इलाज के दौरान उनकी हालत में कुछ देर के लिए सुधार भी हुआ, लेकिन जहर शरीर में तेजी से फैलने के कारण स्थिति फिर से बिगड़ने लगी।
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, रसेल वाइपर का जहर रक्त को तेजी से जमाने की क्षमता रखता है जिससे रक्तस्राव, किडनी फेल्योर और शरीर के अंगों में सूजन आने लगती है। ऐसे में समय पर सही मात्रा में एंटी वेनम देना और मरीज को उचित निगरानी में रखना अत्यंत आवश्यक होता है। डॉ. सुधांशु कुमार ने बताया कि प्राथमिक इलाज के बाद मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए मायागंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां विष विशेषज्ञ की निगरानी में उनका इलाज किया जाएगा।
ग्रामीणों ने बताया कि सांप काटने के तुरंत बाद परिजन पहले झाड़-फूंक कराने के लिए स्थानीय ओझा के पास ले गए थे, जिससे इलाज में देरी हुई। हालांकि झाड़-फूंक के बाद भी जब स्थिति गंभीर बनी रही, तब अस्पताल लाया गया। विशेषज्ञ बताते हैं कि सांप काटने की स्थिति में झाड़-फूंक कराने में समय गंवाना खतरनाक साबित होता है और इस कारण जहर शरीर में तेजी से फैल जाता है।
ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी के कारण लोग आज भी पहले झाड़-फूंक पर निर्भर रहते हैं, जिससे इलाज में देरी होती है और कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपील की है कि सांप काटने की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल में मरीज को लाएं और झाड़-फूंक में समय न गंवाएं, ताकि समय पर एंटी वेनम देकर मरीज की जान बचाई जा सके।
सांप काटने की इस घटना के बाद दियारा क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोग दियारा क्षेत्र में मवेशी चरा रहे ग्रामीणों और खेतों में काम कर रहे किसानों को सावधानी बरतने और पैर में बूट पहनकर ही खेतों में जाने की सलाह दे रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग से दियारा क्षेत्रों में एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्राथमिक इलाज की व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है।
इस घटना ने फिर साबित कर दिया है कि जहरीले सांपों के काटने पर समय पर उचित इलाज और जागरूकता ही जान बचाने का सबसे बड़ा उपाय है।
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