बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ अब अंतिम चरण में पहुँचने लगी हैं। चुनाव की घोषणा से पहले ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी बीच भारत निर्वाचन आयोग की उच्च स्तरीय टीम बिहार के दो दिवसीय दौरे पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त विवेक जोशी और एस.एस. संधू 4 और 5 अक्टूबर को पटना में विभिन्न बैठकों के माध्यम से चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।

रिपोर्ट:
शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों और राज्य के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक शुरू हुई। बैठक में सभी दलों से स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने को लेकर सुझाव और अपेक्षाएँ ली जा रही हैं।

बैठक में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस समेत प्रमुख दलों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। हालांकि, मुकेश सहनी की वीआईपी, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को इस बार बैठक का निमंत्रण नहीं भेजा गया है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है।

4 अक्टूबर का एजेंडा
शनिवार को दिनभर चुनाव आयोग की टीम की कई स्तर की बैठकें प्रस्तावित हैं। सबसे पहले आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और चुनाव संबंधी तैयारियों, आचार संहिता, ईवीएम सुरक्षा, मतदाता सूची में पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

इसके बाद आयोग की टीम ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक (IG), उप महानिरीक्षक (DIG), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DM) और वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान निर्वाचन की प्रशासनिक और विधि-व्यवस्था संबंधी तैयारियों की गहन समीक्षा की गई।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा, डर या दबाव की स्थिति नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग की प्राथमिकता शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है।

5 अक्टूबर का कार्यक्रम:
रविवार को आयोग की टीम की बैठकें नोडल अधिकारियों के साथ होंगी। इसमें राज्य और केंद्र के सुरक्षा बलों के नोडल अधिकारी, राज्य पुलिस मुख्यालय और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।

बैठक में चुनाव सुरक्षा व्यवस्था, संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान, लॉजिस्टिक व्यवस्था, और मतदान कर्मियों की सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार इन तैयारियों का खुद जायजा लेंगे।

इसके साथ ही आयोग की टीम बिहार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक करेगी। यह बैठक राज्य स्तर पर चुनाव से जुड़े समन्वय और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए होगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में होंगे बड़े ऐलान:
5 अक्टूबर को ही दोपहर 2 बजे मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस दौरान वे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनावी कार्यक्रम, दिशा-निर्देश और सुरक्षा रणनीति से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे।

संभावना है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार चुनाव के लिए आचार संहिता लागू करने की संभावित तारीख, मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन, और मतदान चरणों की रूपरेखा पर भी संकेत मिल सकते हैं।

चुनाव आयोग का उद्देश्य:
भारत निर्वाचन आयोग का यह दो दिवसीय बिहार दौरा मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विधानसभा चुनाव 2025 स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न हों।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ कहा है कि आयोग किसी भी परिस्थिति में धनबल, बाहुबल या किसी तरह के राजनीतिक दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा। सभी दलों से उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में सहयोग की अपील की है।

निष्कर्ष:
बिहार में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गरमाने लगा है। आयोग के इस दौरे ने यह साफ कर दिया है कि अब चुनाव की घोषणा बस कुछ ही दिनों की दूरी पर है।
सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियाँ तेज कर दी हैं और जनता में भी चुनावी हलचल बढ़ने लगी है।
आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार एक बार फिर लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव का गवाह बनने जा रहा है।

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