गोपालपुर। गोपालपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय में प्रखंड प्रमुख रागिनी देवी की अध्यक्षता में शनिवार को बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अंचल अधिकारी (सीओ) रौशन कुमार की मौजूदगी में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रखंड अध्यक्षों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2024 में आई प्रलयकारी बाढ़ के बाद जीआर राशि वितरण में हुई अनियमितताओं पर चर्चा करना तथा आगामी बाढ़ से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाना था।

बैठक में विभिन्न पंचायतों के मुखिया और प्रतिनिधियों ने स्पष्ट आरोप लगाया कि बाढ़ राहत के नाम पर अंचल कर्मियों द्वारा जीआर राशि का वितरण मनमाने ढंग से किया गया। जनप्रतिनिधियों का कहना था कि पंचायत अनुश्रवण समिति द्वारा पारित प्रस्तावों की अनदेखी कर अपात्र व्यक्तियों को जीआर राशि दे दी गई, जबकि वास्तविक रूप से प्रभावित और पात्र लाभुकों को राशि नहीं मिल सकी। इस संदर्भ में सुकटिया बाजार पंचायत के मुखिया अश्विनी कुमार ने जीआर राशि वितरण में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रशासन से वितरण की नई सूची बनाकर पुनर्वितरण की मांग की।
मुखिया अश्विनी कुमार ने बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत अपने पंचायत में तीन हजार परिवारों को प्लास्टिक शीट, सौ चापाकल, 40 शौचालय, चार सामुदायिक किचन, 10 नाव की उपलब्धता तथा दो स्थानों पर चिकित्सकों की तैनाती के साथ मेडिकल कैंप लगाने की लिखित मांग भी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हर बार बाढ़ में सबसे अधिक गरीब और खेतिहर मजदूर प्रभावित होते हैं, परंतु राहत कार्य में पारदर्शिता नहीं होने के कारण उन्हें मदद नहीं मिल पाती।
इस अवसर पर राजद प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद चौबे ने पकरा टोला में स्लूइस गेट बनाने का प्रस्ताव रखा, ताकि बाढ़ के समय पानी का दबाव कम किया जा सके। वहीं, प्रखंड प्रमुख रागिनी देवी ने गोपालपुर प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के गांवों को बाढ़ से बचाने हेतु ब्रह्मोत्तर बांध की मरम्मत कराने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बाढ़ में बांध की स्थिति काफी दयनीय हो गई थी, और इस बार समय रहते बांध की मरम्मत कर ली जाए तो बड़ी आबादी को बाढ़ की तबाही से बचाया जा सकता है।
बैठक में जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह बीस सूत्री प्रखंड अध्यक्ष साकेत बिहारी, मुखिया नगीना पासवान, विजय सिंह, राघवेन्द्र कुमार उर्फ मुन्ना मुखिया, प्रखंड राजद अध्यक्ष प्रमोद चौबे सहित अन्य गणमान्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति देखी गई।
बैठक में मौजूद सीओ रौशन कुमार ने जनप्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि पिछले वर्ष वितरित जीआर राशि की जांच कर नयी सूची तैयार की जाएगी तथा वास्तविक लाभुकों को ही जीआर राशि का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन बाढ़ प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं त्वरित राहत कार्य के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम होगी।
गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि, नवगछिया में रेड अलर्ट जारी
गोपालपुर प्रखंड के अंतर्गत नवगछिया अनुमंडल में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि जारी है। जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को सभी तटबंधों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया से मिली जानकारी के अनुसार, इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर पिछले 24 घंटों में जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे तटबंध के समीप के इलाकों में चिंता बढ़ गई है।
हालांकि फिलहाल विभिन्न स्परों और तटबंधों पर जल का दबाव नहीं है, परंतु स्पर संख्या छह से लेकर स्पर संख्या सात के डाउन स्ट्रीम में मछली आदत के आगे तक स्थिति अत्यंत संवेदनशील बनी हुई है। संभावित संकट को देखते हुए संबंधित क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी गई है तथा रात्रि गश्ती भी कराई जा रही है।
इस संदर्भ में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार ने बताया कि सभी संवेदनशील स्थानों पर फ्लड फाइटिंग कार्य करवा कर बाढ़ और कटाव से क्षेत्र को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा और कोसी नदी का जलस्तर मानसून और नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण बढ़ रहा है, और सभी संबंधित अधिकारियों को तटबंध की स्थिति की निरंतर समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।
अभियंता ने कहा कि जहां-जहां आवश्यक होगा, वहां अतिरिक्त बोरियां, बांस और बोल्डर की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार के रिसाव को रोका जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि कटाव संभावित स्थलों पर भी टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल फ्लड फाइटिंग सामग्री की उपलब्धता कराई जा रही है।
त्वरित बचाव कार्य के लिए तैयारी
प्रखंड प्रमुख रागिनी देवी ने बैठक में बताया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रखंड प्रशासन ने संभावित बाढ़ राहत शिविरों की सूची भी तैयार कर ली है, और यदि जलस्तर बढ़ता है तो सुरक्षित स्थलों पर बाढ़ राहत शिविर संचालित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ की स्थिति में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था, मानव और पशु चिकित्सकों की तैनाती, पीने के पानी की आपूर्ति तथा राशन वितरण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे संभावित बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर अंचल कार्यालय को उपलब्ध कराएं ताकि समय पर राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। बैठक में बाढ़ की संभावित तबाही से निपटने के लिए नाव, बोट, प्लास्टिक शीट, चापाकल, शौचालय निर्माण और चिकित्सा शिविर की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव पारित किए गए, जिन्हें जिलाधिकारी को भेजा जाएगा।
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