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गोपालपुर – थाना क्षेत्र के पंचगछिया गांव में एक अजीबो-गरीब पारिवारिक मामला सामने आया, जिसमें एक विवाहित महिला अपने पति का घर छोड़ प्रेमी के साथ रहने चली गई। मामला तब तूल पकड़ लिया जब पति को इस घटना की जानकारी मिली और उसने गांव के सम्मानित लोगों की मदद से पंचायत बुलाई। कई घंटे तक चली पंचायत के बाद भी जब महिला अपने पति के घर लौटने को राजी नहीं हुई, तो मामला पुलिस तक पहुंचा।

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जानकारी के अनुसार, महिला पिछले तीन-चार महीनों से अपने प्रेमी के साथ रह रही थी। प्रेमी भी उसी गांव का रहने वाला था, जिससे महिला का पहले से प्रेम संबंध था। विवाह के बावजूद महिला अपने पुराने प्रेम को नहीं भूल सकी और एक दिन अचानक पति का घर छोड़कर प्रेमी के घर चली गई। जब पति को इस बात की जानकारी मिली तो वह स्तब्ध रह गया और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए गांव के लोगों के बीच रखा।

पंचायत में गांव के कई गणमान्य लोग मौजूद थे। सभी ने मिलकर महिला को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह प्रेमी के साथ ही रहने की जिद पर अड़ी रही। पति बार-बार विनती करता रहा कि वह अपने वैवाहिक जीवन को बचाने के लिए घर लौट आए, मगर महिला टस से मस नहीं हुई। अंततः पति ने गोपालपुर थाने में आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई।

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्परता दिखाई और मौके पर पहुंची। गांव में पुलिस की उपस्थिति और समाज के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में फिर से बातचीत की गई। लंबी बातचीत और समझाने-बुझाने के बाद अंततः महिला ने प्रेमी को छोड़कर अपने पति के साथ रहने की सहमति जताई।

बताया गया कि महिला को उसके प्रेमी के घर से बरामद कर गोपालपुर थाने लाया गया था। थाने में दोनों पक्षों की बातों को सुना गया। फिर सामाजिक स्तर पर पति-पत्नी को एक बार फिर साथ रहने के लिए सहमत कराया गया। महिला एक स्वयंसेवी संस्था की मदद से भी समझाई गई, जिसके बाद उसने अपनी गलती मानी और पति के साथ जाने को तैयार हो गई।

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम भूमिका समाज के प्रबुद्ध लोगों और पुलिस की रही, जिनकी सूझबूझ और प्रयासों से एक टूटता हुआ परिवार फिर से एक साथ हो सका। पुलिस ने बताया कि इस प्रकरण को लेकर किसी भी पक्ष से कोई आपराधिक शिकायत दर्ज नहीं की गई, इसलिए इसे आपसी सहमति से निपटा दिया गया।

गुरुवार शाम को महिला अपने पति के साथ पुनः घर लौट गई। थानाध्यक्ष ने बताया कि यदि भविष्य में फिर से ऐसा कोई मामला होता है तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पति-पत्नी दोनों अपने वैवाहिक जीवन को दोबारा शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं और इस मामले का सुखद अंत हो गया है।

यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते प्रेम संबंधों और विवाह संस्था पर पड़ते प्रभाव को दर्शाती है। हालांकि, इस मामले में समाज और प्रशासन की पहल से एक परिवार टूटने से बच गया, लेकिन यह भी सोचने का विषय है कि सामाजिक मूल्यों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को दरकिनार कर भावनात्मक फैसलों का बढ़ता चलन चिंता का विषय बनता जा रहा है। ऐसी घटनाएं रिश्तों में संवाद, समझदारी और विश्वास की अहमियत को रेखांकित करती हैं।

 

 

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