भागलपुर, बिहार: भागलपुर ज़िले में बाईपास थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अवैध लॉटरी टिकटों की एक बड़ी खेप ज़ब्त की है. थाना अध्यक्ष प्रभात कुमार शर्मा के नेतृत्व में चलाए गए एक विशेष अभियान के तहत पटना से भागलपुर आ रही एक बस से करोड़ों रुपये के लॉटरी टिकट बरामद किए गए हैं. पुलिस ने बस चालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है.
गुप्त सूचना और त्वरित कार्रवाई
बाईपास थाना अध्यक्ष प्रभात कुमार शर्मा को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि पटना से भागलपुर आ रही मंटू बस में बड़ी मात्रा में अवैध लॉटरी टिकट लादे गए हैं. सूचना की गंभीरता को समझते हुए थाना अध्यक्ष शर्मा ने बिना किसी देरी के त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया. उन्होंने तत्काल बाईपास चौक पर एक वाहन चेकिंग अभियान शुरू करवाया, जिसका उद्देश्य संदिग्ध बस को रोकना और अवैध सामग्री की बरामदगी सुनिश्चित करना था.
मंटू बस से बरामद हुए लाखों टिकट
वाहन जांच अभियान के दौरान, पुलिस ने अकबरनगर की ओर से आ रही मंटू कंपनी की एक बस को रोका. पुलिस टीम ने बस की गहन तलाशी ली. तलाशी के दौरान, पुलिस को बस के अंदर 38 कार्टन मिले, जिनमें नागालैंड राज्य की विभिन्न कंपनियों के लॉटरी टिकट भरे हुए थे. इन कार्टनों में कुल 4100 बंडल लॉटरी टिकट पाए गए, और प्रत्येक बंडल में 500 टिकट थे. इस तरह, ज़ब्त किए गए लॉटरी टिकटों की कुल संख्या 20 लाख 50 हज़ार (2,050,000) बताई जा रही है. इन सभी टिकटों पर 16 जून से 22 जून 2025 तक की ड्रॉ डेट अंकित थी.
₹2.5 करोड़ से ज़्यादा का अनुमानित मूल्य
पुलिस द्वारा ज़ब्त किए गए इन लॉटरी टिकटों का अनुमानित मूल्य करोड़ों में बताया जा रहा है. अगर एक टिकट की औसत कीमत ₹10 मानी जाए, तो ज़ब्त किए गए 20 लाख 50 हज़ार टिकटों का कुल मूल्य ₹2 करोड़ 5 लाख होता है. हालांकि, वास्तविक बाज़ार मूल्य इससे भी अधिक होने की संभावना है, क्योंकि इन टिकटों का उपयोग अवैध लॉटरी रैकेट चलाने के लिए किया जा रहा था. यह ज़ब्ती बिहार में चल रहे अवैध लॉटरी के बड़े नेटवर्क पर एक महत्वपूर्ण प्रहार है.
गिरफ्तारियां और पूछताछ
पुलिस ने भारी मात्रा में लॉटरी टिकट जब्त करते हुए तत्काल बस चालक चंद्रशेखर शर्मा और उसके सहयोगी राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान, बस चालक चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि पटना में प्रिंस जायसवाल, रंजन सिंह और ललन चंद्रवंशी नामक व्यक्तियों ने दूरभाष पर ये टिकट बस में लोड करवाए थे. उसने यह भी बताया कि उसे ये कार्टन दुमका ले जाने का निर्देश दिया गया था, जहां संबंधित व्यक्ति इन्हें रिसीव करने वाला था. राहुल कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की.
पुलिस अब इस रैकेट के मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से मिली जानकारी के आधार पर, पुलिस अब पटना और दुमका में इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है.
अवैध लॉटरी का जाल
भारत में कुछ राज्यों को छोड़कर लॉटरी अवैध है. नागालैंड जैसे कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में राज्य-संचालित लॉटरी कानूनी हैं, लेकिन अन्य राज्यों में इन लॉटरी टिकटों की बिक्री या वितरण अवैध है. बिहार में लॉटरी पूरी तरह से अवैध है. ऐसे में, नागालैंड के लॉटरी टिकटों का बिहार में इतनी बड़ी मात्रा में पाया जाना एक गंभीर आपराधिक गतिविधि है. यह दर्शाता है कि अवैध लॉटरी का एक संगठित गिरोह सक्रिय है जो दूसरे राज्यों से टिकट लाकर बिहार में बेचता है, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है और आम जनता को जुए की लत लगने का खतरा होता है.
पुलिस की सराहना और आगे की जांच
बाईपास थाना पुलिस की इस कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है. थाना अध्यक्ष प्रभात कुमार शर्मा के नेतृत्व में टीम ने जिस तरह से त्वरित कार्रवाई करते हुए इस बड़ी खेप को पकड़ा है, वह सराहनीय है. पुलिस अब इस मामले में गहन जांच कर रही है. एफआईआर दर्ज कर ली गई है और गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस इस नेटवर्क के पीछे के बड़े चेहरों का पता लगाने में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस अवैध कारोबार में शामिल अन्य लोग भी सलाखों के पीछे होंगे. यह कार्रवाई अवैध लॉटरी के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के पुलिस के संकल्प को दोहराती है.
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