मुंबई से एक चौंकाने वाली और अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जहां एक 12 वर्षीय बच्चे को कूड़े के ढेर में असली पिस्तौल मिल गई। बच्चे ने उसे खिलौना समझकर गोली चला दी। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। घटना ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को चौंका दिया, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला शुक्रवार को मुंबई के उत्तरी उपनगर दहिसर का है। दहिसर के साईकृपा चॉल के पास स्थित एक मैदान में एक बच्चा खेल रहा था। उसी दौरान उसे कूड़े के ढेर में कुछ अजीब सा सामान दिखाई दिया। जब उसने उसे उठाकर देखा तो वह एक असली पिस्तौल थी, जिसके साथ चार जिंदा कारतूस भी मौजूद थे।
बच्चे ने उसे खिलौना समझा और जिज्ञासावश पिस्तौल का ट्रिगर दबा दिया। इससे एक गोली चल गई, जिसकी आवाज सुनकर इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
मुंबई पुलिस की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्तौल और बची हुई गोलियों को बरामद कर जब्त कर लिया। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बच्चा पिस्तौल को असली हथियार नहीं समझ रहा था और वह उसे एक सामान्य खिलौना समझकर खेल रहा था।
दहिसर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह पिस्तौल वहां कैसे पहुंची, इसका मालिक कौन है और किस उद्देश्य से उसे फेंका गया या छोड़ा गया।

अधिकारी ने कहा, “बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है और किसी को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन यह घटना बेहद गंभीर है। यदि गोली किसी को लग जाती, तो यह मामला जानलेवा हो सकता था।” पुलिस ने बच्चे और उसके परिवार से पूछताछ की है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिस्तौल कूड़े में कैसे आई।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि अगर इस तरह से कूड़े में खतरनाक हथियार मिलने लगे तो बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराने लगेगा।
कुछ सामाजिक संगठनों ने इस घटना को लेकर प्रशासन से अपील की है कि कूड़ा निस्तारण के स्थलों की निगरानी की जाए और ऐसे संवेदनशील स्थानों पर नियमित जांच की व्यवस्था की जाए। वहीं, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी चिंता जताई है और मांग की है कि बच्चों को ऐसे हथियारों की पहचान और खतरे के बारे में स्कूलों में जागरूक किया जाए।
मुंबई जैसे महानगर में यह घटना एक गंभीर चेतावनी की तरह सामने आई है। जहां एक तरफ यह सौभाग्य की बात है कि कोई हताहत नहीं हुआ, वहीं दूसरी ओर यह घटना बताती है कि अवैध हथियारों की उपलब्धता और उनकी पहुंच किस हद तक बढ़ चुकी है। पुलिस अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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