बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा है कि सरकार शराब बेचने में लिप्त है, जबकि राज्य में जहरीली शराब पीने से लगातार मौतें हो रही हैं. तेजस्वी ने कहा कि जहरीली शराब पीने से लोग मर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके पार्टी के नेताओं ने इन घटनाओं पर कभी संवेदना व्यक्त नहीं की, जो कि अत्यंत दुखद है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार नहीं संभाल पा रहे हैं और उनका समय खत्म हो चुका है.
उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने पंचायत स्तर पर भी शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी थीं और अब जब शराबबंदी लागू है, तब भी लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सिवान, छपरा और मुजफ्फरपुर में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. बिहार के गरीब लोग मर रहे हैं, लेकिन सरकार बड़ी मछलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. अगर शराब बाजार में उपलब्ध है, तो यह साफ है कि सरकार अपने कर्तव्यों में असफल हो चुकी है.
वहीं, जेडीयू पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा को अपनाकर जदयू समाज में दंगा फैलाने और संविधान का उल्लंघन करने पर तुला हुआ है. जो लोग आरक्षण के खिलाफ हैं और समाज में जहर फैलाना चाहते हैं, वे किसी भी तरह से दो समुदायों के बीच झगड़ा कराने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जरूरी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महंगाई और सिंचाई. भाजपा के लोग केवल मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम और पाकिस्तान-कश्मीर के मुद्दों पर बात कर रहे हैं. यह सब नफरत की भाषा है और हमें इससे बचना चाहिए.
तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि गिरिराज सिंह को 10 साल से मंत्री बने रहने के बाद भी बिहार के लिए टेक्सटाइल पार्क क्यों नहीं मिला? बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गिरिराज सिंह जैसे लोग बिहार में अमन-चैन छीनने की कोशिश करेंगे, तो उनकी पार्टी चुप नहीं बैठेगी. वे नफरत फैलाने वालों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार हैं और बिहार की जनता की हितों की रक्षा करेंगे.
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनेगी और बिहार में होने वाले चारों उपचुनावों में भी हमारी जीत होगी. बता दें कि बिहार में कुल चार विधानसभा सीटों (तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज) पर उपचुनाव है. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर थी. 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं. मतदान 13 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को अहम माना जा रहा है. सियासी पंडितों का दावा है कि इस उपचुनाव के जरिए सभी राजनीतिक दल जनता का मूड भांप सकेंगे.