बिहार के रोहतास जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहां मामूली नाली विवाद ने एक 19 वर्षीय युवती की जान ले ली। घटना शिवसागर थाना क्षेत्र के किरहिंडी गांव की है। मृतका की पहचान गोल्डी कुमारी के रूप में हुई है, जो इंटरमीडिएट की छात्रा थी। परिजनों का आरोप है कि यह पूरी घटना डायल 112 पुलिस टीम के सामने हुई, जबकि पुलिस ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, सुबह गांव में नाली में पानी गिराने को लेकर दो परिवारों के बीच कहासुनी हो गई। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष एक-दूसरे से भिड़ गए। इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की और स्थिति शांत होने पर वापस लौट गई। लेकिन पुलिस के जाने के कुछ ही देर बाद विवाद दोबारा भड़क गया और फायरिंग शुरू हो गई।

फायरिंग में गोल्डी कुमारी के गले में गोली लग गई। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, एक अन्य युवक को छर्रा लगने से हल्की चोटें आई हैं। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।

परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जब विवाद हो रहा था, तब पुलिस मौके पर मौजूद थी और उसी समय आरोपी ने गोली चलाई। परिवार का कहना है कि “पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और हमारी बेटी गोल्डी को बचाने की कोई कोशिश नहीं की।” परिजनों ने आरोप लगाया कि गोली पड़ोसी सुनील सिंह ने चलाई, जिससे गोल्डी की मौके पर ही हालत गंभीर हो गई।

वहीं, पुलिस ने परिजनों के आरोपों को निराधार बताया है। एएसआई सुरिंदर कुमार ने कहा कि “जब पुलिस टीम वहां से चली गई थी, तब घटना घटी। हमारी मौजूदगी में कोई फायरिंग नहीं हुई।” उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी सुनील सिंह की ओर से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।

रोहतास एसपी रौशन कुमार ने भी घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “दोनों परिवारों के बीच पहले से विवाद चल रहा था। नाली को लेकर झगड़ा बढ़ा और सुनील सिंह की ओर से गोली चली, जिसमें मंटू सिंह की बेटी गोल्डी कुमारी घायल हो गई। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि मामले की एफएसएल टीम जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, सदर अस्पताल सासाराम में गोल्डी कुमारी का शव रखा गया है, जहां परिजन और ग्रामीण भारी संख्या में जुटे हैं। वे आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और डायल 112 की लापरवाही की जांच की मांग कर रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर से बिहार में कानून व्यवस्था और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मामूली विवाद में एक मासूम बेटी की जान चली जाना समाज और सिस्टम दोनों के लिए एक गहरी चोट की तरह है।

 

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