गोपालपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित सैदपुर गांव में तालाब भरने के मामले को लेकर जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। तालाब को लेकर ग्रामीण और मुखिया प्रतिनिधि आमने-सामने आ गये हैं। मामले की जानकारी के अनुसार, सैदपुर गांव के तालाब को पिछले कई दिनों से मिट्टी डालकर भरा जा रहा था।
ग्रामीण नितेश कुमार ने इसकी शिकायत भागलपुर डीएम से लिखित आवेदन देकर की थी। नितेश कुमार ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि सैदपुर गांव में स्थित तालाब अंचल कार्यालय के दस्तावेज में दर्ज है, जिसमें गांव के आसपास के घरों का बारिश और बाढ़ का पानी जमा होता है। यह तालाब लंबे समय से गांव की जल निकासी व्यवस्था का एकमात्र साधन है। नितेश कुमार का आरोप है कि गांव के मुखिया प्रतिनिधि जितेन्द्र कुमार गौतम बिना अंचल कार्यालय से एनओसी लिए तालाब में मिट्टी डलवा कर उसे पाटने का कार्य करवा रहे हैं।
आवेदन के आलोक में शनिवार को अंचलाधिकारी (सीओ) रौशन कुमार और थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार सैदपुर गांव पहुंचे और तालाब स्थल पर जांच की। निरीक्षण के दौरान तालाब में मिट्टी डालने का कार्य जारी था, जिसे देखकर सीओ ने तत्काल प्रभाव से मिट्टी डालने के कार्य पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
मुखिया प्रतिनिधि जितेन्द्र कुमार गौतम ने अपनी सफाई में बताया कि गांव में घनी आबादी के बीच तालाब के नाम पर गहरा गड्ढा बना हुआ है। बरसात और बाढ़ के समय इस गड्ढे में पानी भर जाने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। कई बार पशु और बच्चे इसमें गिरकर घायल हो चुके हैं। इसके कारण ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से चंदा कर तालाब को भरवाने का निर्णय लिया ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग से ही मिट्टी डालकर गड्ढे को भरा जा रहा है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
वहीं, तालाब भराई का विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि यह तालाब केवल गड्ढा नहीं, बल्कि सरकारी दस्तावेज में दर्ज तालाब है। इससे गांव में जल संचयन होता है, वर्षा के समय आसपास के घरों और रास्तों का पानी इसमें जमा होकर जलजमाव से बचाता है। अगर तालाब को इस प्रकार पाट दिया जाएगा तो गांव में जलजमाव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, तालाब के पाटने से सरकार की ओर से संचालित जल संरक्षण योजनाओं को भी नुकसान होगा।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के बीच इस मुद्दे पर बहस भी हुई। कुछ ग्रामीण तालाब को भरवाने के पक्ष में हैं तो कुछ इसके सख्त विरोध में खड़े हैं। इस दौरान सीओ रौशन कुमार ने सभी पक्षों की बातों को सुना और अंचल कार्यालय के दस्तावेज की जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। फिलहाल, सीओ ने तालाब में मिट्टी भरने के कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है और स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने के बाद ही अगली कार्रवाई तय की जाएगी।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच कर वास्तविक स्थिति स्पष्ट की जाए ताकि गांव के हित में उचित निर्णय लिया जा सके। वहीं, अंचलाधिकारी ने कहा कि दस्तावेज और राजस्व नक्शे का मिलान कर यह तय किया जाएगा कि तालाब सरकारी जमीन में दर्ज है या नहीं। यदि तालाब सरकारी दस्तावेज में दर्ज है तो इसके भरने की प्रक्रिया पूरी तरह अवैध मानी जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इस विवाद के कारण सैदपुर गांव में तालाब को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। ग्रामीणों को अब प्रशासन की जांच रिपोर्ट का इंतजार है ताकि तालाब को बचाने या भरने को लेकर अंतिम निर्णय हो सके।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें