सबौर। प्रखंड क्षेत्र के ममलखा पंचायत स्थित कालीघाट चांयचक ममलखा में गंगा कटाव का कहर लगातार जारी है। बुधवार को भी कटाव रुकने का नाम नहीं ले रहा था। जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 600 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी भूमि गंगा कटाव में समा चुकी है। कटाव का भयावह दृश्य देखने के लिए गंगा किनारे ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं, पुरुष, बच्चे और जन प्रतिनिधि गंगा तट पर पहुंच कर कटाव की स्थिति देख रहे थे। कटाव की रफ्तार को देखकर ग्रामीणों के चेहरे पर दहशत का माहौल साफ देखा जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि कटाव के कारण खेत, बगीचा और रिहायशी क्षेत्र लगातार खतरे में आ रहे हैं। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से कटाव और तेज होता जा रहा है। ममलखा पंचायत के मुखिया अभिषेक मंडल ने बताया कि गंगा कटाव विगत एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही थी, लेकिन पिछले दो दिनों में गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से कटाव की गति काफी तेज हो गई है। इसके कारण मसाढू गांव के कुछ घर भी गंगा कटाव की चपेट में आने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि पंचायत क्षेत्र के रंजदीपुर, बाबूपुर, संतनगर, घोषपुर, फरका खेल मैदान के समीप कालीघाट सहित अन्य इलाकों में भी जगह-जगह रुक-रुक कर गंगा कटाव जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल भी कटाव के कारण कई घर और खेत गंगा में समा गए थे, जिससे लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार भी कटाव के कारण लोग अपने घरों और खेतों को लेकर चिंतित हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन से कई बार गंगा कटाव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है, लेकिन अब तक स्थायी समाधान नहीं हो सका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश और गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण रात में भी कटाव की आवाज सुनाई देती है, जिससे लोग भय में रात गुजार रहे हैं।
पंचायत के मुखिया अभिषेक मंडल ने बताया कि कटाव से प्रभावित लोगों की सूची बनाकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराने की तैयारी की जा रही है। साथ ही जिला प्रशासन से तत्काल बचाव कार्य शुरू करने और कटाव रोकने के लिए संवेदनशील स्थानों पर बोल्डर और बैग डालकर रोकने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि अगर जल्द कटाव पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो कई परिवार बेघर हो जाएंगे और उनकी फसलें भी नष्ट हो जाएंगी।
ग्रामीणों ने सरकार से गंगा तटबंध और कटावरोधी कार्य को प्राथमिकता देने की मांग की है ताकि कटाव की समस्या से स्थायी राहत मिल सके। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी कहा कि गंगा कटाव से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी और लगातार प्रशासन के संपर्क में रहकर राहत एवं बचाव कार्य को तेजी से कराया जाएगा।
इस बीच, ग्रामीणों की भीड़ कटाव के पास जमा होने से कई बार स्थिति असामान्य हो रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि कटाव क्षेत्र में जाने से बचें ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन कटाव पर जल्द से जल्द नियंत्रण करेगा ताकि गांव, खेत और मकान सुरक्षित रह सकें।
कटाव की समस्या ने पूरे ममलखा पंचायत में डर का माहौल पैदा कर दिया है, और लोग हर दिन कटाव की गति देख कर अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो रहे हैं। वहीं, प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए प्रभावित परिवारों को राहत और सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है।
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