गंगागंगा

गुरुवार को गंगा के जलस्तर में जहां एक ओर कुछ क्षेत्रों में मामूली कमी देखी गई, वहीं दूसरी ओर डाउनस्ट्रीम क्षेत्र यानी खगड़िया और भागलपुर के मैदानी इलाकों में पानी का फैलाव तेजी से जारी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मुंगेर में गंगा के जलस्तर में तीन सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है, जबकि भागलपुर में 15 सेंटीमीटर और कहलगांव में 19 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जलस्तर की यह बढ़त निचले इलाकों में बाढ़ और कटाव की समस्या को बढ़ा रही है।

गंगा
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दियारा क्षेत्रों में आवागमन ठप, नाव बना सहारा
मानिक सरकार घाट पर गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि दियारा क्षेत्र में आने-जाने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। शंकरपुर दियारा को जोड़ने वाली पुलिया पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है, जिससे लोगों का पैदल और वाहन आवागमन ठप हो गया है। खंजरपुर सीढ़ी घाट और सखीचंद घाट के पास भी स्थिति गंभीर है। यहां रहने वाले लोगों को दैनिक आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एसएम कॉलेज के पास भी गंगा का पानी फैल चुका है, जिससे कॉलेज परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में भी खतरे की घंटी बजने लगी है।

कटाव से डरे ग्रामीण, प्रशासन से लगाई गुहार
गंगा के जलस्तर में आई इस तेजी से आसपास के तटीय इलाकों में कटाव की समस्या गहराने लगी है। सबौर के इंग्लिश और मसाढू गांव के पास गंगा किनारे कटाव की शिकायत ग्रामीणों ने की है। खेतों के किनारे से मिट्टी का कटाव हो रहा है, जिससे कई किसानों की फसलें खतरे में पड़ गई हैं। कहलगांव में भी दियारा क्षेत्र में कटाव की सूचना मिली है। पीरपैंती के टपुआ दियारा के बिचला टोला वार्ड संख्या 14 में धीमा लेकिन लगातार कटाव हो रहा है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

जिला परिषद के उपाध्यक्ष प्रणव कुमार उर्फ पप्पू यादव ने बताया कि दियारा में हो रहे कटाव से सैकड़ों ग्रामीण चिंतित हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग को मामले की गंभीरता से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त से मुलाकात कर स्थायी समाधान और एंटी इरोजन कार्य के लिए पहल करेंगे।

जल संसाधन विभाग की नजर, लेकिन कार्रवाई धीमी
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि गंगा के जलस्तर में हो रहे उतार-चढ़ाव पर विभाग की पूरी नजर है। उन्होंने कहा कि जहां से भी कटाव की सूचना मिल रही है, वहां संबंधित जूनियर इंजीनियर (JE) से रिपोर्ट मांगी जा रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि कटाव की गति को देखते हुए विभाग की कार्रवाई काफी धीमी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जहां-जहां कटाव हो रहा है, वहां तात्कालिक रूप से बोरियां डालकर बचाव कार्य शुरू किया जाए।

सतर्कता की जरूरत, बारिश से हालात और बिगड़ सकते हैं
वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह साफ है कि अगर अगले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई तो हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं। जलस्तर में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को अभी से तैयारी करनी होगी। कटाव प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की योजना भी तैयार रखनी चाहिए।

गंगा से सटे खगड़िया, भागलपुर, कहलगांव और पीरपैंती के इलाकों में स्थिति सतर्कता की मांग कर रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता की उम्मीदें प्रशासन से जुड़ी हैं, जो अभी भी स्थायी समाधान की प्रतीक्षा में हैं। जलस्तर में उतार जरूर आया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।

 

 

 

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