गोपालपुर (नवगछिया)। गंगा और कोसी नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि ने तटवर्ती गांवों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को गंगा नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर की और कोसी नदी में 23 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बढ़ते जलस्तर के कारण तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है, जिससे लोग पहले से ही सतर्क हो गए हैं।
गंगा नदी चेतावनी स्तर से नीचे, पर डर कायम
गंगा नदी इस्माईलपुर-बिंद टोली क्षेत्र में 26.89 मीटर पर बह रही है, जो कि अभी चेतावनी के स्तर से नीचे है। फिर भी 24 सेंटीमीटर की तेजी से आई वृद्धि ने लोगों को बेचैन कर दिया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो अगले कुछ दिनों में निचले इलाकों में पानी घुसने लगेगा। कई परिवारों ने पहले से ही जरूरी सामान को ऊंचाई पर रखना शुरू कर दिया है।
कोसी नदी की चाल भी बनी चिंता का विषय
कोसी नदी, जिसे ‘बिहार की शोक’ कहा जाता है, 23 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ अब 26.34 मीटर पर बह रही है। वर्तमान स्थिति भले ही सामान्य मानी जा रही है, लेकिन नदी की ऐतिहासिक प्रवृत्तियों को देखते हुए लोग पूरी तरह निश्चिंत नहीं हो पा रहे हैं। खासकर कोसी तटवर्ती इलाकों में रहने वाले किसानों को फसलों की क्षति की आशंका सताने लगी है।
फ्लड फाइटिंग कार्य प्रारंभ, तटबंध की सुरक्षा में जुटा प्रशासन
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने तटबंधों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सहायक अभियंता ई. अमितेश कुमार ने बताया कि इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध के स्पर संख्या सात के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में 250 मीटर की लंबाई में फ्लड फाइटिंग कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस कार्य के तहत एनसी (नॉन-कंट्रैक्ट) श्रेणी में बालू भरी बोरियों से तटबंध को सुरक्षित किया जा रहा है।
राहत एवं बचाव दल भी अलर्ट
जल संसाधन विभाग के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। संभावित बाढ़ से निपटने के लिए नावों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही राहत शिविरों के लिए स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि अगर जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचा, तो तुरंत गांवों से सुरक्षित स्थानों पर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा।
ग्रामीणों ने जताई चिंता, की स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हर साल जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन अस्थायी समाधान करता है, लेकिन स्थायी तटबंध सुरक्षा का कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा। ग्रामीण विजय यादव ने कहा कि “हर साल हम इसी डर में जीते हैं कि कब बाढ़ आ जाए और हमारा सब कुछ बहा ले जाए। सरकार को अब स्थायी तटबंध निर्माण की दिशा में गंभीर कदम उठाने चाहिए।”
मौसम विभाग की नजर भी स्थिति पर
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अभी अगले कुछ दिनों तक उत्तर बिहार और नेपाल क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। अगर नेपाल की तराई क्षेत्र में भारी बारिश होती है तो नदियों के जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। इसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है और कंट्रोल रूम को अलर्ट मोड में रखा गया है।
निष्कर्ष
गंगा और कोसी नदी में बढ़ते जलस्तर ने जहां प्रशासन को सतर्क कर दिया है, वहीं तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत का माहौल बना हुआ है। हालांकि अभी स्थिति सामान्य मानी जा रही है, लेकिन यदि बारिश की गति तेज हुई तो संकट और गहरा सकता है। प्रशासन की ओर से फ्लड फाइटिंग कार्य एवं निगरानी का प्रयास सराहनीय है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान की भी आवश्यकता है ताकि हर वर्ष यह संकट दोहराया न जाए।
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