सहरसा जिले के पस्तपार थाना क्षेत्र में गुरुवार को सहकारिता विभाग के पतरघट प्रखंड के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी अंबिका प्रसाद सिंह के साथ मारपीट, गाली-गलौज और छीनतई की गंभीर घटना सामने आई है। इस मामले में पीड़ित अधिकारी ने पामा पंचायत के पैक्स प्रबंधक ओम प्रकाश सिंह और उनके भाई शुभम कुमार सिंह पर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के अनुसार, जब वे आगामी 20 जून को प्रस्तावित आमसभा की तैयारी को लेकर पैक्स कार्यालय पहुंचे थे, तभी यह घटना हुई।
### विवाद की पृष्ठभूमि
बताया जा रहा है कि पैक्स गोदाम के निर्माण कार्य में पहले से अनियमितताओं को लेकर विभागीय पत्राचार हुआ था। इसी संदर्भ में गोदाम की दीवार भी गिर चुकी है। पीड़ित अधिकारी का दावा है कि गोदाम निर्माण के दौरान ओम प्रकाश सिंह के पिता पैक्स अध्यक्ष थे और हाल ही में नवंबर में हुए पैक्स चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अधिकारी का मानना है कि इसी चुनावी रंजिश के कारण उनके ऊपर हमला किया गया।
अंबिका प्रसाद सिंह ने बताया कि जैसे ही वे कार्यालय पहुंचे, पहले तो उन्हें गाली-गलौज का सामना करना पड़ा और फिर हाथापाई शुरू हो गई। उन्होंने दावा किया कि उनके सरकारी कागजात छीनने की भी कोशिश की गई। अधिकारी ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण से वह मानसिक रूप से काफी परेशान हैं।
### आरोपी पक्ष का इनकार
वहीं, इस घटना को लेकर पैक्स प्रबंधक ओम प्रकाश सिंह ने खुद को निर्दोष बताया है। उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए उल्टा सहकारिता अधिकारी पर ही मारपीट और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अधिकारी जानबूझकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं और यह पूरी घटना पूर्वनियोजित है।
ओम प्रकाश सिंह ने दावा किया कि वे वर्षों से ईमानदारी से कार्य करते आ रहे हैं और अधिकारी निजी रंजिश के तहत उन्हें बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके।
### विभागीय प्रतिक्रिया
इस बीच, इस मामले की जानकारी सहरसा जिला सहकारिता विभाग को भी दी गई है। सहायक निबंधक जय प्रकाश सिंह ने इसे गंभीर घटना बताया है और कहा है कि अगर पुलिस इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करती है, तो वे स्वयं सहरसा के पुलिस अधीक्षक से मिलेंगे।
जय प्रकाश सिंह ने कहा, “हमारे अधिकारी पर इस तरह का हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह न केवल एक सरकारी कर्मी पर हमला है, बल्कि पूरे विभाग की गरिमा को चोट पहुंचाने की कोशिश है। हम हर संभव तरीके से कानूनी कार्रवाई करवाएंगे।”
### पुलिस की कार्रवाई
पस्तपार थाना अध्यक्ष अरमोद कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें प्राप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि पीड़ित की ओर से लिखित शिकायत मिल चुकी है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जांच के उपरांत जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
थाना अध्यक्ष ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों की बातों को गंभीरता से सुना जा रहा है और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए हर पहलू की जांच की जा रही है।
### क्षेत्र में बढ़ा तनाव
घटना के बाद पामा पंचायत और आसपास के क्षेत्रों में प्रशासन के प्रति लोगों में नाराजगी है। कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने का प्रयास हैं, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि चुनावी रंजिश के कारण यह टकराव हुआ है।
हालांकि, अब पूरा मामला प्रशासन और पुलिस के संज्ञान में है और आगामी दिनों में जांच के नतीजों के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
### निष्कर्ष
सरकारी अधिकारियों पर हमले की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। यह मामला भी उसी कड़ी का हिस्सा लगता है, जिसमें व्यक्तिगत रंजिश और प्रशासनिक कार्यों के टकराव से कानून व्यवस्था को चुनौती मिल रही है। अब देखना होगा कि जांच के बाद सच्चाई क्या सामने आती है और दोषियों पर किस प्रकार की कार्रवाई होती है।
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