नई दिल्ली: भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने एक बड़ी डिजिटल पहल करते हुए अपने सभी मौजूदा चुनावी ऐप्लिकेशनों को एकीकृत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने ECINET नामक एक “सिंगल-पॉइंट” ऐप को विकसित किया है, जो देश के लगभग 100 करोड़ मतदाताओं को लाभ पहुंचाने की क्षमता रखता है। यह ऐप आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूरी तरह कार्यशील हो जाएगा।
क्या है ECINET?
ECINET एक इंटीग्रेटेड ऐप है जो भारत के चुनाव आयोग के वर्तमान 40 ऐप्लिकेशनों को एक मंच पर लाकर एक समेकित सेवा प्रदान करेगा। इनमें वोटर टर्नआउट ऐप, CVIGIL, ENCORE, BLO ऐप समेत अन्य प्रमुख ऐप शामिल हैं। ECINET ऐप का उद्देश्य मतदाताओं, चुनाव अधिकारियों, राजनीतिक दलों और मीडिया को एक ही स्थान से सटीक, त्वरित और उपयोगी जानकारी प्रदान करना है।

क्यों जरूरी है यह ऐप?
अब तक चुनाव से जुड़ी अलग-अलग सेवाओं के लिए उपयोगकर्ताओं को कई अलग-अलग ऐप डाउनलोड करने पड़ते थे। हर ऐप का अलग इंटरफेस और लॉगिन सिस्टम होता था, जिससे आम नागरिकों और अधिकारियों को उपयोग में कठिनाई होती थी। ECINET इन सभी समस्याओं का समाधान करेगा। यह एक ही लॉगिन से सभी सेवाओं तक पहुंच की सुविधा देगा।
एक वरिष्ठ चुनाव आयोग अधिकारी ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से नागरिकों को मतदाता सूची, मतदान केंद्र, मतदान प्रतिशत, उम्मीदवारों की जानकारी, शिकायत निवारण, चुनावी परिणाम जैसे तमाम जरूरी डाटा एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेगा। इसके साथ ही चुनाव अधिकारी भी बेहतर डेटा प्रबंधन कर सकेंगे।
बिहार चुनाव से पहले पूरी तरह होगा लॉन्च
ECINET ऐप फिलहाल विकास के अंतिम चरण में है और इसे इस वर्ष के अंत में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूरी तरह कार्यशील कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग के अनुसार, इसकी कुछ विशेषताओं का उपयोग 19 जून को गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल की पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में परीक्षण के तौर पर किया जाएगा।
किन्हें मिलेगा फायदा?
इस ऐप से न केवल देश के 100 करोड़ मतदाताओं को लाभ होगा, बल्कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात लाखों अधिकारियों, राजनीतिक दलों और मीडिया को भी अधिक पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी। आयोग का दावा है कि यह ऐप पूरी चुनावी प्रक्रिया को डिजिटल रूप से पारदर्शी, तेज और सटीक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डेटा की शुद्धता का रखा गया है ध्यान
ECINET पर उपलब्ध सभी डेटा केवल अधिकृत अधिकारी ही दर्ज कर सकेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐप पर जो भी जानकारी उपलब्ध हो, वह सटीक और सत्यापित हो। हालांकि, किसी भी विवाद की स्थिति में प्राथमिकता वैधानिक फॉर्म में दर्ज आंकड़ों को दी जाएगी।
कानूनी ढांचे से होगा मेल
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस ऐप में उपलब्ध कराया गया प्रत्येक डेटा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951, निर्वाचन पंजीकरण नियम, 1960 तथा निर्वाचन संचालन नियम, 1961 के अंतर्गत विधिसम्मत होगा। समय-समय पर आयोग द्वारा जारी निर्देशों का भी इसमें पूर्ण पालन किया जाएगा।
तकनीकी परीक्षण अंतिम चरण में
ECINET की तकनीकी टीम इस समय ऐप के विभिन्न मॉड्यूल्स का कठोर परीक्षण कर रही है। यूज़र इंटरफेस, डेटा सिक्योरिटी, स्पीड और सर्वर लोड जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि चुनावों के दौरान किसी भी तकनीकी बाधा का सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
ECINET ऐप भारत के चुनावी इतिहास में एक बड़ा तकनीकी बदलाव लेकर आ रहा है। एक ऐसा सेंट्रल प्लेटफॉर्म जो आम नागरिक से लेकर चुनावी अधिकारियों तक सभी के लिए उपयोगी साबित होगा। चुनाव आयोग की यह पहल न केवल डिजिटल इंडिया के विजन को आगे बढ़ाएगी, बल्कि देश में चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी, सुलभ और भरोसेमंद बनाएगी।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में ECINET किस हद तक प्रभावी साबित होता है और क्या यह देशभर में चुनाव प्रक्रिया में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।
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